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मालिंगा को पढ़ने में नाकाम रहे: सहवाग

दिल्ली के कप्तान वीरेंद्र सहवाग ने मुंबई से आठ विकेट की करारी हार झेलने के बाद स्वीकार किया कि उनके बल्लेबाज लेसिथ मालिंगा की गेंदों को समझने में नाकाम रहे, जिसके कारण हमें शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा.

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दिल्ली के कप्तान वीरेंद्र सहवाग ने मुंबई से आठ विकेट की करारी हार झेलने के बाद स्वीकार किया कि उनके बल्लेबाज लेसिथ मालिंगा की गेंदों को समझने में नाकाम रहे, जिसके कारण हमें शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा.

मालिंगा ने 13 रन देकर पांच विकेट लिये जिससे दिल्ली की टीम 95 रन पर ढेर हो गयी. सहवाग ने कहा, ‘मैंने टीम बैठक में भी अपने खिलाड़ियों से मालिंगा की गेंदबाजी को लेकर बात की थी और बताया था कि उन्हें किस तरह से खेला जा सकता हैं लेकिन वे उसे समझने में नाकाम रहे.’ अपने बल्लेबाजों को मालिंगा के कहर से बचाने के लिये सहवाग ने बीच में उनका एक ओवर मेडन भी खेला जो उनके अनुसार रणनीति का हिस्सा था.

उन्होंने कहा, ‘ मैं पहले भी उसका सामना कर चुका हूं जबकि हमारे बाकी बल्लेबाज पहली बार उसे खेल रहे थे. किसी भी नये बल्लेबाज के लिये मालिंगा की यार्कर और धीमी गेंद का सामना करना आसान नहीं होता है और इसलिए मैं उसे अधिक से अधिक खेलना चाहता था.’

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सहवाग ने इसके साथ ही कहा कि यदि उनकी टीम ने 130 का स्कोर बनाया होता तो वह इस पिच चुनौतीपूर्ण होता. उन्होंने कहा, ‘यदि हमने 120 या 130 का स्कोर भी बनाया होता तो उसका बचाव करने की कोशिश करते. आप 96 रन के लक्ष्य का बचाव नहीं कर सकते. हमारे गेंदबाजों और क्षेत्ररक्षकों ने अच्छा खेल दिखाया’

दिल्‍ली के कप्तान ने इसके साथ ही स्वीकार किया कि टीम को एक विश्वस्तरीय स्पिनर की कमी खल गता है कि रही है. उन्होंने कहा, ‘हां मुझे लगता है कि हमारे पास विश्वस्तरीय स्पिनर नहीं है लेकिन उम्मीद है रीलोफ वान डर मर्व आगामी मैचों में इसकी कमी पूरी करेगा और हमारे भारतीय स्पिनर भी बेहतर काम करेंगे.’

सहवाग ने यह बात मानने से इन्कार कर दिया कि उनके मध्यक्रम में अनुभवी बल्लेबाजों की कमी है. उन्होंने कहा, ‘हमारे पास एरोन फिंच, उन्मुक्त चंद, नमन ओझा जैसे युवा और प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं. ट्वेंटी 20 में अनुभव बहुत अधिक महत्व नहीं रखता.’

सहवाग से जब पूछा गया कि क्या विश्व कप की तरह ट्वेंटी 20 लीग में भी रेफरल प्रणाली शुरू की जानी चाहिए, उन्होंने कहा, ‘इसके लिये समय नहीं है. पहले ही हम पर सही समय पर ओवर पूरे करने का दबाव है. ऐसा नहीं करने पर भारी जुर्माना भरना पड़ेगा इसलिए मुझे लगता है कि आईपीएल बिना डीआरएस के ही ठीक है. इससे खास फर्क नहीं पड़ेगा.’

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