पांच बार की विश्व चैंपियन महिला मुक्केबाज एम सी मैरीकॉम ने ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों 2014 में महिला मुक्केबाजी को शामिल किये जाने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि वह देश के लिये हमेशा चुनौती का सामना करने को तैयार हैं.
राष्ट्रमंडल खेल महासंघ ने यूगांडा में अपनी आम सालाना बैठक में महिला मुक्केबाजी को ग्लास्गो में शामिल करने का फैसला किया. इस संबंध में मैरीकाम से जब पूछा गया कि क्या वह लंदन ओलंपिक के बाद अब इन खेलों में भारत की चुनौती पेश करने को तैयार हैं, तो उन्होंने कहा, ‘बिलकुल. जरूर, मैं हमेशा देश के लिये रिंग में लड़ने को तैयार हूं, भले ही वह ओलंपिक हो, राष्ट्रमंडल खेल हों या फिर एशियाई खेल.’
लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली मैरीकॉम को भारत की शीर्ष एसयूवी बनाने वाली महिंद्रा एंड महिंद्रा ने सम्मानित किया. वह इस साल किसी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेंगी और अगले साल टूर्नामेंट की ट्रेनिंग शुरू करेंगी.
मैरीकाम ने कहा, ‘राष्ट्रमंडल खेलों में मैं पूरी कोशिश करूंगी. लेकिन इससे पहले टीम का चयन होगा, जिसके लिये क्वालीफाइंग राउंड होंगे.
इस साल राष्ट्रीय महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप भी होनी है लेकिन मैरीकॉम इसमें भी भाग नहीं लेंगी. उन्होंने कहा, ‘इस साल कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं है तो मैं ट्रेनिंग भी अगले साल से ही शुरू करूंगी. इस साल मैं किसी टूर्नामेंट के लिये रिंग में नहीं उतरूंगी. वैसे फिट रहने के लिये ट्रेनिंग चलती रहेगी.’
मैरीकॉम ने लंदन ओलंपिक में अपने प्रिय 48 किग्रा वर्ग को छोड़कर 51 किग्रा में हिस्सा लिया क्योंकि 48 किग्रा इन खेलों का हिस्सा नहीं था. इसके लिये उन्हें 48 किग्रा से अपना वजन बढ़ाकर 51 किग्रा करना पड़ा, इसके बावजूद भी वह कांस्य पदक जीतने में सफल रहीं.
यह पूछने पर कि क्या वह राष्ट्रमंडल खेलों में फिर से अपने 48 किग्रा वर्ग में ही वापस आ जायेंगी या फिर 51 किग्रा वर्ग में भाग लेंगी.
इस पर मणिपुर की इस महिला मुक्केबाज ने कहा, ‘मुझे 48 किग्रा में दोबारा खेलने में कोई परेशानी नहीं होगी. मैं 48, 51 से 54 और 60 किग्रा में भी फाइट कर सकती हूं, लेकिन यह मेरी इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है. लेकिन यह राष्ट्रमंडल खेलों में कौन सा वर्ग शामिल किया जाता है, इस पर निर्भर करेगा.’
उन्हें हालांकि लंदन ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक से चूकने का मलाल अभी तक है. उन्होंने कहा, ‘पोलैंड की मुक्केबाज कैरोलिना मिशेलजुक को हराने के बाद मेरी शुरुआत अच्छी हुई थीय लेकिन इसके बाद बाउट में मेरे शरीर में दर्द हो रहा था, जिससे मैं निकोला से हार गयी. वर्ना मैं उसे हराकर देश को स्वर्ण पदक दिला सकती थी. मैं स्वर्ण पदक से चूक गयी, मुझे बहुत दुख है. लेकिन अब मैं कड़ी मेहनत करूंगी.’
मैरीकॉम ने कहा कि वह निकोला एडम्स को आगे होने वाली भिड़ंत में जरूर हराना चाहेंगी, लेकिन इसके लिये अभी समय लगेगा.
उन्होंने कहा, ‘निकोला को हराने की पूरी कोशिश करूंगी, लेकिन यह भिड़ंत विश्व चैम्पियनशिप में ही हो सकती है. एशियाई खेलों में यूरोपीय देश नहीं आते तो इसलिये भिड़ंत का प्रतियोगिता मिलने में समय लगेगा.’