पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने स्वीकार किया कि दौलत और शोहरत से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में युवाओं का ध्यान भटक सकता है लेकिन कई मामलों में व्यवस्था के चलते खिलाड़ी ‘अपराधी’ बन जाते हैं.
शोएब ने कहा, ‘आप 18 साल के एक लड़के से कैसे कहेंगे कि वह लड़कियों की ओर ना देखे. शोहरत कमाने की लालसा सभी को होती है और लड़कियां उभरते सितारों को पसंद करती हैं. बीस बरस की उम्र में आपके पास दौलत, शोहरत है तो आपको गलत रास्ते पर ले जाने वाले लोग भी मिल जाते हैं.’
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हाल ही में टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान श्रीलंका में वेस्टइंडीज के क्रिकेटर क्रिस गेल के होटल के कमरे से तीन लड़कियों को गिरफ्तार किया गया था. शोएब ने कहा कि व्यवस्था ही ऐसी है कि जिन क्रिकेटरों को सहयोग नहीं मिलता, वे भ्रष्टाचार में डूब जाते हैं.
उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां फिक्सिंग होती है क्योंकि पैसा अधिक नहीं है और मौके भी नहीं. बोर्ड से परेशान क्रिकेटर पैसा कमाने में लग जाते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘2008 में मेरे पास कार खरीदने के भी पैसे नहीं थे. मुझे अपने दोस्त से उधार लेना पड़ा. मैंने इसका सामना किया लेकिन कई नहीं कर पाते. आपके दोस्त आपको धोखा दे जाते हैं और बोर्ड भी साथ नहीं देता. ऐसे में आप उन्हें सबक सिखाने की ठान लेते हैं. इस व्यवस्था के कारण कुछ भ्रष्टाचार में डूब जाते हैं और कुछ क्रिकेटर अपराधी बन जाते हैं.’
यह पूछने पर कि क्या आईपीएल से उन्हें खेल को कोई खतरा लगता है, शोएब ने कहा, ‘यह टूर्नामेंट सिर्फ व्यवसाय और मनोरंजन है, क्रिकेट नहीं ।’ उन्होंने कहा, ‘इसे बेंचमार्क मत बनाइए. आईपीएल क्रिकेट नहीं है. यह श्रेष्ठता के लिए भारत का पैमाना नहीं हो सकता. यदि यह प्रथम श्रेणी क्रिकेट को तिलांजलि देकर पनपता है तो बहुत बुरी बात है. सबसे खराब तो यह है कि आईपीएल से क्रिकेटरों के ख्वाबों का दायरा सिमट जाता है.’
रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘गांवों से निकले लड़के ग्लैमर और पैसे की इस चकाचौंध में भटक जाते हैं. आईपीएल टीम मालिकों को चाहिए कि वे अपने युवा खिलाड़ियों की रक्षा करें.’