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आलोचना की परवाह नहीं करता: धोनी

खराब दौर से जूझ रहे पीयूष चावला को विश्वकप में अंतिम एकादश में मौका देने के लिये आलोचना झेल रहे भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि जब तक वह ‘ईमानदार’ फैसले ले रहे हैं, वह आलोचना की परवाह नहीं करते.

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महेंद्र सिंह धोनी
महेंद्र सिंह धोनी

खराब दौर से जूझ रहे पीयूष चावला को विश्वकप में अंतिम एकादश में मौका देने के लिये आलोचना झेल रहे भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि जब तक वह ‘ईमानदार’ फैसले ले रहे हैं, वह आलोचना की परवाह नहीं करते.

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कई पूर्व खिलाड़ियों ने लेग स्पिनर चावला को मौका देने के फैसले की निंदा करते हुए उसे हटाकर ऑफ स्पिनर आर अश्विन को लेने का सुझाव दिया था. धोनी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लीग मैच से पहले कहा, ‘मैं इस बात की परवाह नहीं करता कि दूसरे लोग क्या कह रहे हैं. जब मैं कोई टीम चुनता हूं तो पूरी ईमानदारी से फैसला लेता हूं.’

उन्होंने चावला का बचाव करते हुए कहा कि उसे अश्विन से अधिक यह मैच खेलने की जरूरत थी. उन्होंने कहा, ‘पीयूष को अश्विन से अधिक वह मैच खेलने की जरूरत थी.’ धोनी ने यह भी कहा कि टीम संयोजन में वह प्रयोग करने की बजाय रक्षात्मक रणनीति अपनाने के पक्षधर हैं.

यह पूछने पर कि क्या वह युवराज सिंह को दूसरे विशेषज्ञ स्पिनर के आजमाने की सोच रहे हैं, धोनी ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह एक विकल्प है. युवराज ने अच्छा प्रदर्शन किया है पर ऐसा करने से उस पर अधिक दबाव पड़ेगा. यदि उसका दिन खराब है तो हमारे पास इस काम को अंजाम देने के लिये ज्यादा विकल्प नहीं है. हमारे पास रैना नहीं है और सहवाग गेंदबाजी नहीं कर रहा है.’

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धोनी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच के लिए टीम संयोजन के बारे में खुलासा करने से इनकार कर दिया. धोनी ने साथ ही कहा कि वह हरभजन सिंह के विकेट हासिल नहीं कर पाने से भी चिंतित नहीं है क्योंकि यह ऑफ स्पिनर रनों का प्रवाह रोकने में सफल रहा है. धोनी ने कहा, ‘हरभजन को अपना काम पता है. वह एक दशक से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहा है. अगर आप गेंदबाज से हर बार तीन से चार विकेट की उम्मीद करते हो तो यह आसान नहीं होता. वह विरोधी बल्लेबाजों को रोकने में सफल रहा है जिससे दूसरे छोर से गेंदबाज को आक्रमण करने का मौका मिलता है.’

उन्होंने कहा, ‘भारत में अधिकतर तभी किसी प्रदर्शन को अच्छा समझा जाता है जब आप पांच विकेट चटकाओ या शतक बनाओ. लेकिन अगर दो गेंदबाज 20 ओवर में 70 रन देते हैं और उन्हें विकेट नहीं भी मिलता है तो भी मैं खुश हूं.’

भारतीय कप्तान ने कहा कि वे सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग के अच्छी शुरूआत को नियमित तौर पर बड़े स्कोर में नहीं बदल पाने को लेकर भी चिंतित नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘सचिन और वीरू ऐसे खिलाड़ी हैं जो अगर क्रीज पर काफी देर टिक जायें तो वे गेंदबाजों के लिए मुश्किल खड़ी कर देते हैं.’ श्रीलंका के खिलाफ नागपुर में खेले गये पिछले एकदिवसीय मैच में शतक जड़ने वाले धोनी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खुद बल्लेबाजी क्रम में ऊपर आने के बारे में नहीं सोच रहे.

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उन्होंने कहा, ‘अगर आप क्रमश: नंबर तीन और चार पर बल्लेबाजी कर रहे गौतम और विराट को देखें तो वे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.’ धोनी इस बात से भी खुश हैं कि भारत अपने अंतिम दो मैच दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के खिलाफ खेल रहा है क्योंकि इससे क्वार्टर फाइनल में टीम को मदद मिलेगी. धोनी ने हालांकि अपना सर्वश्रेष्ठ जवाब एक पत्रकार के लिए बचाकर रखा था जिसने पूछा कि आपने हंसना क्यों बंद कर दिया है. इस पर धोनी ने कहा, ‘आप लोग सवाल पूछना बंद कर दो, मैं हंसना शुरू कर दूंगा.’

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