''क्रिकेट के सबसे बड़े टूर्नामेंट के भीतर की जानकारी, मैदान और मैदान से बाहर की बातें''
बड़े-बड़ों का साथ
अब ऑस्ट्रेलिया शेन वॉटसन को गंभीरता से लेने लगा है. दरअसल वॉटसन ने भारतीय टीम के पूर्व फिजियोथेरव्पिस्ट जॉन ग्लोस्टर को अपनी फिटनेस का जिम्मा सौंपा है और उन्हें अपनी व्यक्तिगत देखरेख के लिए उनके रहने के शहर मुंबई से कोलंबो बुला लिया है. विश्व कप में सफलता पाने में वॉटसन की ऑलराउंडर खूबी ऑस्ट्रेलिया के खासी काम आएगी. और पहले सचिन तेंदुलकर की सेहत का खयाल रखने वाले ग्लोस्टर अब जल्द ही कहते सुने जाएंगे, ''वॉटसन, चलो शुरू हो जाओ.''
छींका टूटा
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज डग बॉलिंजर तो घायल होकर अपने घर पहुंच चुके हैं. लेकिन उनका विकल्प कौन होगा इस रहस्य पर से पर्दा उठाने का ऑस्ट्रेलियाई टीम का इरादा नजर नहीं आ रहा है. हालांकि भरपूर संभावना इस बात की है कि टीम में उनकी जगह माइकल हसी ले सकते हैं, जो विश्व कप के लिए चुनी गई टीम में जगह नहीं पा सके थे और खासे निराश थे. तो क्या गेंदबाज का नुक्सान खब्बू बल्लेबाज के लिए फायदेमंद साबित होगा.
ज्यॉफ्री के सैंडविच बम
भारत की राजधानी ज्यॉफ्री बॉयकॉट को जरा भी नहीं भा रही. उनका कहना है कि इस शहर को पता नहीं कि मेहमाननवाजी क्या होती है. लेकिन क्यों? पहला तजुर्बा, कैब चालक उन्हें फिरोज शाह कोटला की बजाए नेहरू स्टेडियम ले गया. सूट और अपनी परंपरागत हैट पहने ज्यॉफ्री को क्रिकेट मैदान पर पहुंचने के लिए दूसरी टैक्सी का इंतजार 45 मिनट तक करना पड़ा. अगली समस्या तब शुरू हुई जब पुलिसकर्मी ने उन्हें सैंडविच के डिब्बे सहित मैदान में घुसने नहीं दिया. इस पर ज्यॉफ्री चिल्ला पड़े, ''इनमें बम नहीं है,'' इससे विवाद और बढ़ गया. आखिरकार डीडीसीए के एक अधिकारी को वहां पहुंचकर बीच-बचाव करना पड़ा.
जरूरी है डरना
वेस्टइंडीज के क्रिकेट खिलाड़ी मार्लन सेमुअल्स ने विश्व कप के लिए तैयार राष्ट्रीय टीम में खेलने के प्रस्ताव को आखिर नामंजूर क्यों कर दिया? इस क्रिकेटर का कहना है कि वे इतनी बड़ी जिम्मेदारी उठाने से पहले पूरी तरह तैयार हो जाना चाहते हैं. लेकिन कुछ लोग इस इनकार में कुछ और ही सूंघ रहे हैं. जमैका के एक दैनिक का कहना है कि सेमुअल्स ने टीम से अपना नाम वापस इसलिए लिया क्योंकि उन्हें डर था कि सट्टेबाजों से मैच की जानकारी साझा करने के मामले में भारतीय जांचकर्ता उनसे पूछताछ कर सकते हैं. बताते चलें कि वेस्टइंडीज बोर्ड ने सट्टेबाजों के साथ सेमुअल्स के रिश्तों की वजह से उन पर दो साल की पाबंदी लगा दी थी, यह पाबंदी 2006 से शुरू हुई थी.
''लेखक विश्व कप 2011 के लिए ईएसपीएन स्टार स्पोर्ट्स के कमेंटेटर हैं''