एक के बाद एक लगातार पांच हार के साथ भारतीय हॉकी टीम का ओलंपिक अभियान बुरी तरह से फ्लॉप हो गया. ओलंपिक के इतिहास में सबसे शर्मनाक प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम को मंगलवार को आखिरी लीग मैच में बेल्जियम ने 3-0 से हरा दिया.
भारत के स्ट्राइकर जहां दिशाहीन थे, वहीं डिफेंस छितरा हुआ नजर आया. भारत ने गोल करने के कई मौके गंवाये और लगातार पांच मैच हारकर एक अंक भी नहीं बटोर सका. आठ बार की चैम्पियन भारतीय टीम पूल मैचों में खाता खोले बिना आखिरी स्थान पर रही.
भारत का आखिरी स्थान पर रहना वैसे तय था क्योंकि बाकी सभी टीमों के चार या अधिक अंक थे लेकिन इस हार से भारत एक भी अंक नहीं जुटा सका. अब 11वें और 12वें स्थान के प्लेआफ मुकाबले में भारत की टक्कर दक्षिण अफ्रीका से होगी.
इससे पहले ओलंपिक में भारत का सबसे खराब प्रदर्शन अटलांटा में 1996 में था. जब वह आठवें स्थान पर रहा था. भारत 2008 के बीजिंग ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर सका था. बेल्जियम के लिए जेरोम डेकेसेर (15वां मिनट), गौतियर बोकार्ड (47वां मिनट) और टाम बून (70वां मिनट) ने गोल किए.
पूल ए में अर्जेंटीना से 3-6 से हारी दक्षिण अफ्रीकी टीम पांच मैचों में एक अंक लेकर आखिरी स्थान पर रही. भारत एकमात्र ऐसी टीम है जिसे एक भी अंक नसीब नहीं हुआ.
भारतीय स्ट्राइकरों ने बेल्जियम के डिफेंस में कई हमले बोले लेकिन गोल नहीं कर सके. पूरे मैच में भारत को दो पेनल्टी कार्नर मिले जिन पर गोल नहीं हो पाया. दूसरी ओर बेल्जियम को 12वें मिनट में मिला पेनल्टी कार्नर बेकार गया. इसके दो मिनट बाद भारत ने जवाबी हमला बोला लेकिन विरोधी डिफेंस चौकस था.
बेल्जियम ने 15वें मिनट में बढ़त बना ली, जब भारतीय डिफेंडरों की खराब पोजिशनिंग से डेकेसेर ने आसान गोल दागा. भारत को पहला पेनल्टी कार्नर 21वें मिनट में मिला लेकिन ड्रैग फ्लिकर संदीप सिंह ने सीधे शॉट नहीं लेते हुए वैरिएशन आजमाया जिसमें सरदार सिंह के पुश पर गेंद गुरबाज सिंह के पास गई जिसका शॉट साइडबोर्ड से टकरा गया.
बेल्जियम को मिले दूसरे पेनल्टी कार्नर पर भारतीय डिफेंडरों ने गोल नहीं होने दिया. इसके बाद भारत ने पांच मिनट के भीतर पांच बार विरोधी सर्कल में धावा बोला लेकिन मूव को फिनिश तक नहीं ले जा सके.
हाफटाइम से ठीक पहले शिवेंद्र सिंह के पास गोल करने का मौका था. गोलकीपर ने जब उसकी फ्लिक रोकी तो गेंद उछल गई लेकिन उस पर नियंत्रण बनाने की बजाय उन्होंने स्वाइप करने की नाकाम कोशिश की.
दूसरे हाफ में संदीप 39वें मिनट में पेनल्टी कार्नर को गोल में नहीं बदल सके.