राष्ट्रमंडल खेलों में वित्तीय अनियमितताओं और तैयारियों में हो रही देरी से चिंतित प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को यहां एक बैठक में कैबिनेट सचिव की अगुवाई में सचिवों की एक समिति का गठन किया, जो राष्ट्रमंडल खेलों की योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी करेगी.
प्रधानमंत्री ने इन खेलों से संबंधित मंत्रियों को खेलों को सफल बनाने की ताकीद की. उन्होंने निर्देश दिया कि सभी लंबित कार्य जल्द से जल्द निपटाये जायें. प्रधानमंत्री ने इसके अलावा इस महीने के अंत में कुछ स्टेडियमों का दौरा करने का फैसला किया.
इस बैठक में कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर, प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव टी के ए नायर और केंद्रीय खेल मंत्री एम एस गिल सहित इन खेलों की आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, शहरी विकास मंत्री जयपाल रेड्डी, उप राज्यपाल तेजेंदर खन्ना तथा अन्य शीर्ष अधिकारी मौजूद थे.
मनमोहन ने तैयारी को लेकर उठ रहे सवालों तथा आयोजन में भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच तीन से 14 अक्टूबर तक होने वाले इस खेल आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की. प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि जो भी लोग राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों में भ्रष्टाचार के दोषी पाए जाएंगे उन्हें गंभीर और अनुकरणीय सजा दी जानी चाहिए.{mospagebreak}
उन्होंने संबद्ध मंत्रालयों को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों में प्रक्रियागत और अन्य अनियमितताओं के संबंध में मिली सभी शिकायतों की विस्तृत जांच कराएं.
राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों को लेकर उठ रहे सवाल और इससे संबंधित विवाद के बीच प्रधानमंत्री ने अक्टूबर में होने वाले इस खेल आयोजन की तैयारी का जायजा लिया.
90 मिनट तक चली इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा दिये गये बयान के अनुसार सचिवों की समिति खेलों के क्रियान्वन की समीक्षा जारी रखेगी और इसे अधिकार संपन्न समिति का दर्जा हासिल होगा. आयोजन समिति से संबंधित मामले इसके अधिकार क्षेत्र में होंगे.
बयान के मुताबिक कैबिनेट सचिवालय का एक सचिव स्तर का अधिकारी प्रत्येक दिन आयोजन समिति से तालमेल रखेगा. खेलों के आयोजन में करीब डेढ़ महीने का समय शेष रह गया है. कई खेल आयोजन स्थल अब भी तैयार नहीं हुए हैं और उनका निर्माण कार्य अभी चल रहा है । इसे लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं.
भ्रष्टाचार के आरोपों, खेलों से संबंधित निविदाएं देने और उपकरणों की खरीद को लेकर कलमाड़ी विवादों के केंद्र में हैं.कांग्रेस की कोर समिति की बैठक में अध्यक्ष सोनिया गांधी और मनमोहन सहित पार्टी के अन्य नेताओं द्वारा इस संबंध में विचार विमर्श किये जाने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री ने यह समीक्षा बैठक की है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि खेलों के दौरान सभी सुविधायें अंतरराष्ट्रीय स्तर की होनी चाहिए और भरोसा जताया कि इन खेलों की तैयारियों का जायजा सीधे मंत्रियों का समूह लेगा.
संसद का मौजूदा मानसून सत्र भी राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों और भ्रष्टाचार के आरोपों के मुद्दे से अछूता नहीं रहा है. 1982 के एशियाई खेलों के लिए गठित एक निरीक्षण समिति की तर्ज पर इस बार के आयोजन के लिए भी इसी प्रकार की एक समिति गठित करने की मांग की गयी. उस समय गठित समिति के अध्यक्ष राजीव गांधी थे और तत्कालीन खेल मंत्री बूटा सिंह तथा अन्य अधिकारी उनके मातहत कार्यरत थे.
भाजपा ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से बयान देने की मांग की थी और ऐसा नहीं होने पर सोमवार को दोनों सदनों में प्रश्नकाल को स्थगित करने के लिए दबाव बनाने की चेतावनी दी थी.