इतिहास पुरुष बन चुके अमेरिका के तैराक माइकल फेल्प्स ने शनिवार को लंदन ओलम्पिक में तैराकी के 4 गुना 100 मेडले रिले स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल कर अपनी टीम को जीत दिलाकर तरणताल को अलविदा कह दिया. 27 वर्षीया फेल्प्स ने लंदन ओलम्पिक में सात स्पर्धाओं में हिस्सा लिया था जिनमें उन्होंने चार स्वर्ण और दो रजत पदक हासिल किए. फेल्प्स पहले ही कह चुके थे कि वह लंदन ओलम्पिक के बाद संन्यास ले लेंगे.
अमेरिकी टीम ने यह स्पर्धा 3 मिनट 29.35 सेकेंड में जीती. फेल्प्स की टीम में मैथ्यू ग्रेवर्स, ब्रेंडन हैनसन और नाथन एड्रियन थे. इस स्पर्धा में जापान की टीम दूसरे स्थान पर रही. उसने अमेरिकी टीम से दो सेकेंड अधिक समय लेते हुए 3 मिनट 31.26 सेकेंड में रेस पूरी की. इस स्पर्धा का कांस्य ऑस्ट्रेलियाई टीम को मिला.
फेल्प्स को एक महान खिलाड़ी के रूप में याद किया जाएगा. उनकी झोली में 18 ओलम्पिक स्वर्ण के साथ कुल 22 पदक हैं. फेल्प्स ने इस स्पर्धा के बाद अपने प्रतिद्वंद्वियों और प्रशंसकों को अलविदा कहा. इस दौरान फेल्प्स की मां और बहन उनकी हौंसला आफजाई के लिए स्टेडियम में मौजूद थीं जिनकी आंखों में खुशी के आंसू देखे जा सकते थे.
जब फेल्प्स 11 वर्ष के थे तब से उनको कोचिंग दे रहे उनके कोच बॉब बोमैन ने उन्हें लम्बे समय तक गले से लगाए रखा. बकौल बॉब, 'मैं तुमसे प्यार करता हूं. हमने कर दिखाया.' इसके बाद फेल्प्स ने कहा, 'हां, हमने कर दिखाया.'
विश्व तैराकी को संचालित करने वाली संस्था फिना ने फेल्प्स को एक ट्रॉफी देकर सम्मानित किया. इस मौके पर फेल्प्स ने कहा, 'मैं जिस तरह से अपना कॅरियर खत्म करना चाहता था वह कर पाया. यह समय अलविदा कहने का है.'
'मैंने अच्छे समय देखे हैं. मैं भविष्य में अन्य तैराकों के प्रदर्शन को लेकर काफी उत्साहित हूं.' लंदन ओलम्पिक में फेल्प्स की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी लेकिन उसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ी. उल्लेखनीय है कि 2008 बीजिंग ओलम्पिक में फेल्प्स ने आठ स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास कायम किया था.