भारत की विश्व कप टीम के युवा क्रिकेटर विराट कोहली का मानना है कि 19 फरवरी से शुरू हो रहे क्रिकेट महाकुंभ में टीम पर अपनी सरजमीं पर खेलने और लोगों की उम्मीदों का दबाव तो होगा लेकिन खिलाड़ी इससे निपटने के लिये पूरी तरह तैयार है.
मध्यम क्रम के बल्लेबाज कोहली को महज 22 वर्ष की उम्र में क्रिकेट के महाकुंभ में खेलने का मौका मिल रहा है, लेकिन फिर भी उनका मानना है कि वह किसी भी दबाव में नहीं हैं. भारत की अंडर 19 टीम के कप्तान के तौर पर कोहली ने 2008 में देश को अंडर 19 विश्व कप खिताब दिलाया था और उन्हें पूरी उम्मीद है कि टीम इंडिया इस बार भारतीय स्टार सचिन तेंदुलकर और देश के लिये सीनियर विश्व कप जीतने की पूरी कोशिश करेगी.
कोहली भारत की ओर से 45 वनडे खेल चुके हैं जिसमें उन्होंने चार शतक और 12 अर्धशतकों से 1672 रन बनाये हैं जिसमें सर्वाधिक स्कोर 118 रन का रहा है. उन्होंने कहा, ‘आप भारत के लिये खेलते हो तो आपको दबाव से निपटना अच्छी तरह आ जाता है. निश्चित रूप से हम पर काफी दबाव होगा क्योंकि हम अपने देश में खेल रहे हैं तो लोगों की उम्मीदें भी हमसे काफी ज्यादा होंगी. लेकिन हम किसी भी बाहरी दबाव को अपने ऊपर हावी नहीं होने देने की कोशिश करेंगे.’{mospagebreak}
वर्ष 2008 अगस्त में श्रीलंका के खिलाफ आइडिया कप में वनडे आगाज करने वाले कोहली से जब क्रिकेट विश्व कप के प्रारूप के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘यह शायद बेहतर प्रारूप है लेकिन मुझे लगता है कि यह आत्मविश्वास की चीज है.’ भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा था कि यह टीम के लिये अच्छा प्रारूप है क्योंकि अगर कुछ मैच हार भी जाते हैं तो क्वार्टर फाइनल में पहुंचने का मौका बना रहेगा.
धोनी का समर्थन करते हुए इस 22 वर्षीय बल्लेबाज ने कहा, ‘हालांकि यह प्रारूप टीमों के लिये मददगार तो होगा क्योंकि अगर कुछ मैच हार भी गये तो आपके पास अगले दौर में पहुंचने का मौका बना रहेगा.’ कोहली ने अपने प्रदर्शन के बारे में कहा, ‘अंडर 19 टीम के विश्व कप जीतने के बाद का सफर मेरे लिये स्वप्निल रहा है. मैं विश्व कप में खेलने के लिये उत्साहित हूं.’
विश्व कप के लिये किसी तरह से बल्लेबाजी में बदलाव के बारे में पूछने पर आईपीएल की बेंगलूर रॉयल चैलेंजर्स के इस क्रिकेटर ने कहा, ‘मैं अपनी पुरानी रणनीति के मुताबिक ही अभ्यास कर रहा हूं. विश्व कप के लिये कुछ भी विशेष चीज नहीं है. जैसा पहले चल रहा था, वैसा ही अब चल रहा है. इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है.
चार बार की विश्व चैम्पियन आस्ट्रेलियाई टीम हमेशा ही विश्व कप में सबसे प्रबल दावेदार मानी जाती है, उनके खिलाफ रणनीति के बारे में पूछने पर कोहली ने कहा, ‘हमने उनके लिये कोई विशेष रणनीति नहीं बनायी है. हम सिर्फ बाहरी दबाव से प्रभावित नहीं होने की कोशिश करेंगे.’{mospagebreak}
तेंदुलकर का यह विश्व कप शायद आखिरी होगा और सभी का कहना है कि धोनी के धुरंधरों को उनके लिये विश्व कप ट्राफी हासिल करनी चाहिए. जब कोहली से पूछा गया कि देश या तेंदुलकर किसके लिये ट्राफी जीतनी चाहिए तो उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि टीम को दोनों के लिये विश्व कप जीतना चाहिए. अगर हम खिताब जीत लेते हैं तो उनके (तेंदुलकर) के लिये विशेष भेंट होगी और भारत के लोगों के लिये यह कप होगा.’