वर्ष 2004 में एक बार फिर ग्रीस में ओलंपिक खेल आयोजित किए गए. ओलंपिक खेल एक बार फिर अपनी जन्मभूमि पर लौटे. प्राचीन ओलंपिक और पहला आधुनिक ओलंपिक खेल भी एथेंस में ही आयोजित किए गए थे.
पहली बार रिकॉर्ड 201 देशों ने इस ओलंपिक में हिस्सा लिया. एथेंस ओलंपिक में भारत की ओर से 75 सदस्यीय दल ने शिरकत की थी. लेकिन भारत को सिर्फ़ एक पदक मिला. निशानेबाज़ी में राज्यवर्धन सिंह राठौर ने रजत पदक जीतकर भारत की लाज रखी.
1998 में ही राठौर ने निशानेबाज़ी मुक़ाबले में भाग लेना शुरू किया था. जल्द ही उन्होंने इन मुक़ाबलों में अपना दमख़म दिखाना शुरू कर दिया. साइप्रस के विश्व चैंपियनशिप में काँस्य पदक जीतने के बाद ही उन्हें एथेंस ओलंपिक में खेलने का अवसर मिला. उन्हें वरीयता क्रम में तीसरा स्थान भी मिला.
सिडनी विश्व कप में भी राठौर ने स्वर्ण पदक जीता था. वर्ष 2004 में ही राज्यवर्धन सिंह राठौर को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया.