घरेलू माहौल और स्टेर्डियम के बावजूद भारतीयों के लिये राष्ट्रमंडल खेलों की मुक्केबाजी प्रतियोगिता में चुनौती कम नहीं होगी क्योंकि अक्टूबर में होने जा रहे इस टूर्नामेंट में रिकार्ड 304 अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजों ने अपने भाग लेने की पुष्टि कर दी है.
खेलों में महाद्वीप के क्रम से अगर प्रविष्टि देखे तो अफ्रीकी क्षेत्र इसमें सबसे आगे है जिसके 118 मुक्केबाज इन खेलों में भाग लेंगे. अफ्रीकी देशों में घाना, केन्या, नाइजीरिया और तनजानिया ऐसे देश हैं जिसके सभी दस वजन वर्गो में मुक्केबाज भाग लेंगे.
अफ्रीका के बाद यूरोप और ओशियाना के 45 मुक्केबाज इस प्रतियोगिता में भाग लेंगे इसके अलावा यूरोप के पावरहाउस इंग्लैंड और उत्तरी आयरलैंड भी अपने दस दस मुक्केबाज भेज रहा है जकि स्काटलैंड के सात मुक्केबाज भाग ले रहे है.
राष्ट्रमंडल खेलों की मुक्केबाजी के लिये टूर्नामेंट डायरेक्टर लेनी डीगामा ने बताया, ‘जहां तक मुक्केबाजी प्रतियोगिता का सवाल है यह बहुत बड़ी होने जा रही है. इस टूर्नामेंट में अब तक के खेलों से सबसे ज्यादा मुक्केबाज भाग ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी बहुत देशों ने अपने देश के मुक्केबाजों के नाम नहीं भेजे हैं.
आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड भी अपने मुक्केबाज सभी वर्गो में उतारेगा. राष्ट्रमंडल खेलों की मुक्केबाजी स्पर्धा में भारत का प्रदर्शन ठीक रहा है. मुहम्मद अली कमर (2002मेनचेस्टर) और अखिल कुमार (2006 मेलबर्न) ने पिछली प्रतियोगिताओं स्वर्ण पदक जीता था. मेलबर्न में आयोजित पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में अखिल के स्वर्ण सहित छह पदक जीते थे जिसमें ओलम्पिक कांस्य विजेता विजेन्द्र सिंह का रजत पदक शामिल है.
राष्ट्रमंडल खेलों की मुक्केबाजी प्रतियोगिता फिर से तैयार किये गये तालकटोरा स्टेडियम में होगी जहां इस साल मार्च में राष्ट्रमंडल मुक्केबाजी प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी.