ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के कप्तान रिकी पोंटिंग ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. क्वार्टर फाइनल में भारत के हाथों हारकर वर्ल्डकप से बाहर होने के बाद पोटिंग ने कप्तानी छोड़ दी है.
गौरतलब है कि पोंटिंग की अगुवाई में ऑस्ट्रेलिया ने लगातार पिछले दो विश्वकप खिताब अपने नाम किये थे लेकिन क्वार्टरफाइनल में भारत के हाथों मिली शिकस्त के बाद उनकी काफी आलोचना की जा रही थी. हालांकि पोटिंग का कहना था कि वह टीम के लिये अब भी काफी योगदान कर सकते हैं.
पोंटिंग ने सिडनी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मुझे किसी ने ऐसा करने के लिए नहीं कहा है. यह पूरी तरह मेरा अपना फैसला है. मैं समझता हूं कि यह सही समय है.’ ऑस्ट्रेलिया के इस महान बल्लेबाज ने कहा, ‘मैंने चयनकर्ताओं से कहा है कि मैं उपलब्ध रहूंगा टेस्ट और एक दिवसीय क्रिकेट खेलने के लिए. उपकप्तान माइकल क्लार्क को पोंटिंग के स्थान पर ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट और क्रिकेट टीम की कप्तानी दिए जाने की संभावना है. {mospagebreak}
बेहद चपल क्षेत्ररक्षक 36 वर्षीय पोंटिंग ने इस बात से इनकार किया कि उन्हें किसी ने यह फैसला लेने के लिए मजबूर किया है. उन्होंने कहा, ‘मेरे पास अगले एक दो दिन में यह समझने का मौका होगा कि मेरी अगली दिशा क्या होगी और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की बेहतरी के लिए कौन सी दिशा में आगे बढ़ना ठीक होगा.’ पोंटिंग ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में मैंने जो कुछ भी किया है, मुझे उसपर गर्व है और कप्तान के तौर पर मैंने किसी दिन अथवा किसी भी मौके को हल्के ढंग से नहीं लिया.’
उन्होंने कहा, ‘यह बहुत प्रतिष्ठित पद है और बहुत ठोक बजाकर ही किसी खिलाड़ी को इसके लिए चुना जाता है, लेकिन जीवन में कहीं भी शीर्ष पद पर पहुंचने के लिए यह सब तो होता ही है.’ उन्होंने कहा, ‘पिछले दो वर्ष में टीम का चेहरा बदला है और कई नये चेहरों ने जगह बनाई है. मेरा अब भी मानना है कि एक खिलाड़ी के तौर पर और एक कप्तान के तौर पर मैं बहुत कुछ कर सकता हूं. मैंने जो भी फैसला किया, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की राय मेरे दिमाग में हमेशा सबसे आगे रही. मैंने टीम के हित को हमेशा अपने सामने रखा. {mospagebreak}
मित्रों में पंटर के नाम से मशहूर पोंटिंग ने कहा, ‘पिछले सप्ताह यह जानकर अच्छा लगा कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और चयनकर्ताओं ने कप्तान के पद पर मेरा अनुमोदन किया, लेकिन यही वह वक्त है, जब आने वाले कुछ दिन मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं. मुझे वास्तव में यह तय करना है कि मैं अपने लिए और टीम के आगे बढ़ने के लिए क्या सही मानता हूं.’
उन्होंने कहा, ‘मेरे पास एक खिलाड़ी और कप्तान के तौर पर टीम को देने के लिए बहुत कुछ है. मैं जब पहले पहल टीम में आया था तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के बारे में जानने समझने के लिए खुशकिस्मती से मेरे आसपास बहुत से अनुभवी लोग थे.’
तस्मानिया के बल्लेबाज ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि फिलिप हयूज, स्टीव स्मिथ और उस्मान ख्वाजा जैसे युवा खिलाड़ियों के आसपास बहुत से अनुभवी खिलाड़ी हैं, ताकि वह उनके अनुभव से फायदा उठा सकें. पोंटिंग ने कहा, ‘मेरे लिए यह कभी अहम नहीं रहा कि मैंने कितने रन या सैंकड़े बनाए. अगर मैं समझता हूं कि मेरे रन बनाने से टीम जीतती है और युवा खिलाड़ियों को भी फायदा होता है तो मुझे लगता है कि अभी खेलना चाहिए.’ {mospagebreak}
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान किम हयूज ने कहा कि पोंटिंग भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के पदचिन्हों पर चल रहे हैं, जिन्होंने कप्तानी छोड़ने के बाद एक खिलाड़ी के तौर पर खुद को बेहद निखारा. हयूज ने कहा, ‘मेरा मानना है कि उन्हें शायद लगता है कि वह अगले एक या दो साल तक अभी अच्छी क्रिकेट खेल सकते हैं और शायद कप्तानी के बोझ के बिना वह बेहतर ढंग से खेल पाएं.’
पोंटिंग ने 77 टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी की, जिनमें 48 में टीम को जीत हासिल हुई यह किसी भी ऑस्ट्रेलियाई कप्तान का जीत का सर्वाधिक प्रतिशत है. उन्होंने रिकॉर्ड 228 एक दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय मैचों में टीम का नेतृत्व किया और 164 मैचों में जीत दर्ज की. उनकी रहनुमाई में ही ऑस्ट्रेलिया ने 2003 और 2007 विश्वकप मुकाबले जीते.