सचिन तेंदुलकर टेस्ट मैचों के जरिये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के लिये तैयार हैं लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ 23 अगस्त से शुरू होने वाली दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिये शुक्रवार को जब यहां टीम चुनी जाएगी तो सभी की निगाहें वीवीएस लक्ष्मण के भविष्य पर टिकी रहेंगी.
चयनकर्ता इसके अलावा श्रीलंका में सितंबर में होने वाले ट्वेंटी-20 विश्व कप के लिये भी टीम का चयन करेंगे और देखना है कि कैंसर को मात देकर एनसीए में अभ्यास कर रहे युवराज सिंह को टीम में लिया जाता है या नहीं. चयनसमिति के सूत्रों ने कहा, ‘यह उनके फिटनेस प्रमाणपत्र पर निर्भर करेगा जो उन्हें एनसीए से मिलेगा.’
न्यूजीलैंड के खिलाफ पहला टेस्ट मैच हैदराबाद में खेला जाएगा जबकि दूसरा टेस्ट मैच 31 अगस्त से बैंगलोर में खेला जाएगा. सूत्रों ने कहा, ‘लक्ष्मण को लेकर दो तरह के विचार हैं. एक का मानना है कि इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला से पहले हमें युवाओं को मौका देना चाहिए जबकि अन्य का मानना है कि लक्ष्मण को स्वदेश में खेलने का मौका मिलना चाहिए.’
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और कोच डंकन फ्लैचर भी बैठक में उपस्थित रहेंगे. संयोग से इस साल के शुरू में आस्ट्रेलिया के हाथों 0-4 की हार के बार यह भारत की पहली टेस्ट श्रृंखला है. तेंदुलकर श्रीलंका में हाल में समाप्त हुई एकदिवसीय श्रृंखला खेलने के लिये नहीं गये थे. वह अब न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलने के लिये तैयार हैं.
कीवी टीम का वेस्टइंडीज के खिलाफ हाल में प्रदर्शन खराब रहा और उसे दोनों टेस्ट मैच में हार का सामना करना पड़ा था. पुजारा ने 2010 में तीन टेस्ट मैच खेले थे. इनमें से आस्ट्रेलिया के खिलाफ बैंगलोर में अपने पहले टेस्ट मैच में ही उन्होंने 72 रन की जोरदार पारी खेली थी जिससे भारत लक्ष्य हासिल करने में सफल रहा था. शुक्रवार को होने वाली बैठक में सबसे दिलचस्प मसला लक्ष्मण के भविष्य को लेकर चयनसमिति का रवैया रहेगा. कयास लगाये जा रहे हैं कि हैदराबाद में होने वाला पहला टेस्ट मैच इस हैदराबादी का आखिरी मैच हो सकता है.
आस्ट्रेलियाई दौरे में लक्ष्मण आठ पारियों में केवल 155 रन बना पाये थे. उनकी फिटनेस और विकेटों के बीच दौड़ पर भी सवाल उठते रहे हैं. भारतीय क्रिकेटर ‘वेरी वेरी स्पेशल’ लगभग 38 साल के हैं. चयनसमिति लक्ष्मण के अनुभव को ध्यान में रखकर उन्हें भारत में होने वाले अगले दस टेस्ट मैचों में मौका दे सकती है.
द्रविड़ के संन्यास लेने और लक्ष्मण को बाहर करने की दशा में मध्यक्रम में केवल तेंदुलकर ही अनुभवी बल्लेबाज रहेंगे. विराट कोहली ने आस्ट्रेलिया में अच्छा प्रदर्शन करके खुद की जगह पक्की कर रखी है जबकि अजिंक्या रहाणे को वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर के बाद रिजर्व ओपनर रखा जा सकता है. सहवाग और जहीर की फिटनेस पर भी सवालिया निशान लगा है. ये दोनों ही श्रीलंका से ट्वेंटी-20 मैच से पहले ही स्वदेश लौट आये थे.
न्यूजीलैंड श्रृंखला में अभी दो सप्ताह का समय बचा है और तब तक इन दोनों के फिट होने की संभावना है. इरफान पठान ने भी श्रीलंका में अच्छा आलराउंड प्रदर्शन किया था और उन्हें आलराउंडर के तौर पर 15 सदस्यीय टीम में शामिल किया जा सकता है लेकिन उन्हें अंतिम एकादश में जगह मिलने की उम्मीद नहीं है.
ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और बायें हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा का टीम में चयन तय है. यह देखना दिलचस्प होगा कि अनुभवी ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह को टीम में लिया जाता है या नहीं. उन्होंने अब तक काउंटी टीम एसेक्स के लिये तीन प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं और उन्हें केवल दो विकेट मिले हैं. यदि हरभजन को फिर से नजरअंदाज किया जाता है तो राहुल शर्मा को टीम में लिया जा सकता है.
टीम में 15वें सदस्य के लिये कई दावेदार हैं. रोहित भले ही फार्म में नहीं हैं लेकिन उनकी प्रतिभा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. न्यूजीलैंड की टीम में अच्छे तेज गेंदबाज नहीं होने तथा मैच उप्पल और चिन्नास्वामी स्टेडियम की धीमी पिचों पर होने के कारण सुरेश रैना के नाम पर भी विचार किया जा सकता है. मनोज तिवारी ने भी अब तक मौकों का पूरा फायदा उठाया है लेकिन निश्चित तौर पर इस स्थान के लिये उनका नाम रोहित और रैना के बाद ही आता है.