सानिया मिर्जा, 25 वर्ष
टेनिस, मिक्स्ड और महिला डबल्स
हैदराबाद, आंध्र प्रदेश
उनकी कहानी जून में सानिया मिर्जा ने महेश भूपति के साथ फ्रेंच ओपन मिक्स्ड डबल्स ट्रॉफी जीती. अब वे लिएंडर पेस के साथ मिलकर ओलंपिक मेडल जीतने की दौड़ में हैं. भले ही उनका देश ''एक असंतुष्ट टेनिस दिग्गज को शांत करने के लिए एक प्रलोभन के तौर पर उनका उपयोग करके'' उनके मेडल और खिताबों का सम्मान करता हो, लेकिन वे अपना सर्वश्रेष्ठ पेशेवर रवैया बरकरार रखने का वादा करती हैं.
पेस-मिर्जा की जोड़ी को बेहतरीन नहीं कह सकते और इस जोड़ी का तालमेल ठीक करने के लिए ज्यादा समय नहीं बचा है. मिक्स्ड डबल्स के लिए क्वालिफाइ करने के लिए मि.र्जा को लंदन में महिलाओं के डबल्स ईवेंट में शामिल होना होगा. इसके लिए उनकी जोड़ी रश्मी चक्रवर्ती के साथ बनाई गई है, जो टेनिस जगत की अनुभवी खिलाड़ी हैं. इस जोड़ी को लंदन में खेलने के लिए वाइल्ड कार्ड एंट्री मिली है. दोनों की पिछली जुगलबंदी सफल रही थी, जब भारत को 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में एक ब्रॉन्ज मेडल मिला था.
खास है पेस इस साल रूस की ऐलेना वेसलीना के साथ विंबलडन फाइनल तक पहुंच चुके हैं जबकि फ्रेंच ओपन में मि.र्जा ने अपना दूसरा ग्रैंड स्लैम खिताब जीता था. दोनों का यूरोपियन समर सीजन अच्छा गुजरा है और अगर वे एक टीम के तौर पर चल पाए, तो उनके मेडल जीतने की अच्छी संभावनाएं बन सकती हैं.
चुनौतियां भारत की महिलाओं की बेढंगी डबल्स जोड़ी दुनिया की कुछ बेहतरीन खिलाड़ियों का सामना करने में शायद सक्षम न हो सके. इसमें अमेरिका की मौजूदा चैंपियन सेरेना और वीनस विलियम्स से लेकर विश्व की नंबर 2 पोलैंड की एग्निएस्का रदवांस्का और उनकी बहन उर्सला शामिल हैं.
मिशन ओलंपिक 34 वर्षीया चक्रवर्ती का चरम दौर गुजर चुका है. सानिया की फॉर्म भी 2010 के बाद से ठीक नहीं है. ये दोनों जीत के लिए तैयार नजर नहीं आती हैं. इसी तरह, पेस और मि.र्जा ने 23 जुलाई से एक साथ ह्ढैक्टिस शुरू की है. लगातार तालमेल बिठा सकने में उनकी अक्षमता के मायने यह है कि वे कोर्ट पर एक -दूसरे के बारे में अनुमान ही लगाते रह जाएंगे, जो दोहरी मुसीबत का दौर शुरू करा सकता है.