सोमदेव देववर्मन ने दमदार प्रदर्शन करते हुए रविवार को यहां राष्ट्रमंडल खेलों के पुरुष एकल में आस्ट्रेलिया के ग्रेग जोन्स को 6-4, 6-2 से हराकर भारत को टेनिस में पहला और एकमात्र स्वर्ण पदक दिलाया.
लिएंडर पेस, महेश भूपति और सानिया मिर्जा जैसे स्टार खिलाड़ियों के सोने का तमगा जीतने में नाकाम रहने के बाद भारत की नजरें देश के शीर्ष वरीय और दुनिया के 97वें नंबर के खिलाड़ी सोमदेव पर थी जो सबकी उम्मीदों पर खरे उतरे.
सोमदेव ने मैच के बाद कहा कि लोगों को नहीं पता कि स्वर्ण पदक जीतना कितना मुश्किल है. मैंने इस हफ्ते कड़ी मेहनत की. मैं काफी खुश हूं.
उन्होंने कहा कि घरेलू दर्शकों के सामने स्वर्ण पदक जीतना निश्चित तौर पर मेरे कैरियर की सबसे अच्छी चीज है. खेलों में टेनिस के पदार्पण के दौरान भारत ने पांच में से तीन स्पर्धाओं में प्रबल दावेदार के रूप में शुरूआत की लेकिन चार पदक ही जीत सका.
दुनिया के 234वें नंबर के खिलाड़ी जोन्स ने पहले सेट में सोमदेव को कड़ी टक्कर दी लेकिन दूसरे सेट की शुरूआत में घुटने की समस्या के बाद वह चुनौती नहीं दे पाये.
दूसरे सेट के शुरूआती गेम में 15-15 के स्कोर के दौरान जोन्स ने शाट खेलने के लिए कूद लगाई और इस दौरान उनके बायें घुटने में चोट लगी. सोमदेव ने इसके बाद जल्द ही 5-0 की बढ़त बना ली और फिर आसानी से सेट और मैच जीत लिया. सोमदेव एक घंटे और 27 मिनट तक चले मुकाबले को जीतने के बाद खुशी से कोर्ट पर ही लेट गये.{mospagebreak}
भारत के लिए सानिया मिर्जा ने चार में से दो पदक जीते. उन्होंने महिला एकल में रजत के अलावा रश्मि चक्रवर्ती के साथ युगल में कांस्य पदक भी जीता.
सानिया और रश्मि ने कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में निरूपमा संजीव और पूजाश्री वेंकटेश की हमवतन जोड़ी को 6-4, 6-2 से हराया.
इससे पहले पेस और भूपति ने शनिवार को हमवतन सोमदेव और रोहन बोपन्ना की जोड़ी को हराकर पुरुष युगल का कांस्य पदक जीता था.
इस बीच महिला एकल के फाइनल में सानिया को हराने वाली आस्ट्रेलिया की अनास्तासिया रोडियोनोवा ने शैली पियर्स के साथ मिलकर महिला युगल का स्वर्ण भी जीता. इस जोड़ी ने जेसिका मूर और ओलीविया रोगोवस्का की हमवतन जोड़ी को फाइनल में 6-3, 2-6, 6-3 से हराया.