सौरव गांगुली बनना चाहते हैं टीम इंडिया के कोच. ये बात उन्होंने कही है आजतक से. गांगुली के मुताबिक अगर बीसीसीआई उन्हें ये मौका देती है तो वो भारतीय टीम का कोच बनने के लिए तैयार हैं.
आजतक के साथ इस खास बातचीत में गांगुली ने कहा यकीनन कि मैं कोच बनने में दिलचस्पी रखता हूं लेकिन वक्त बताएगा कि भविष्य में क्या होगा. अगर बीसीसीआई को यह लगता है कि मैं टीम का अच्छा कोच हो सकता हूं तो मैं इसके लिए तैयार हो जाउंगा. मुझे लगता है कि मैं खिलाडियों की क्षमता उनके फार्म और उनके विकास में कुछ बदलाव ला सकता हूं. इसी तरीके से मैं खेल की सेवा कर सकता हूं. भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान गांगुली ने इस बात पर खास जोर दिया कि कोच का काम कप्तान के काम को बैक-अप सपोर्ट देना होगा.
गांगुली ने कहा कि मैंने हमेशा यह कहा है कि कप्तान टीम का सबसे जरूरी हिस्सा होता है और उसको काम करने की आजादी होनी चाहिएः उसको कुछ फैसले मैदान के अंदर लेने होते हैं. जब मैं 5-6 साल के लिए कप्तान था तो ऐसे कई मौके आए जब मैंने टीम मीटिंग से अलग हालात के मुताबिक मैदान पर फैसले लिए. कोच सिर्फ कप्तान की मदद करता हैं और खिलाडियों को खेल के लिए प्रोत्साहित करता है लेकिन मैदान पर परफार्म खिलाडियों को करना पडता है कोच को नहीं.
जब उनसे यह पूछा गया कि 2015 के वर्ल्ड कप के लिए कया वह खुद को कोच के तौर पर देखते हैं तो उनका कहा था कि वह इस दौड में डंकन फ्लेचर को ही आगे देखते हैं. वर्ल्ड कप में अभी तीन साल हैं और अगर इस दौरान टीम अच्छा करती है तो डंकन का कार्यकाल वर्ल्ड कप के लिए बढा दिया जाएगा. मैं समझता हूं कि हमें डंकन को सपोर्ट करना चाहिए. उनके पास युवा टीम है. उनको टीम को विदेशी धरती पर जीत दिलाने के लिए कडी मेहनत करनी होगी. उनसे पहले गैरी कर्स्टन का वक्त शानदार रहा. टीम उनके कार्यकाल में बहुत खेली. इसीलिए मेरी डंकन से भी उम्मीद है कि वह अच्छा करंगे.