ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सुपर-8 में करारी हार के बाद टीम इंडिया को अब टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को जिंदा रखने के लिए रविवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को किसी भी कीमत पर हराना ही होगा.
भारत के लिए यह मुकाबला 'करो या मरो' वाला होगा, वहीं पाकिस्तान सुपर-8 में दक्षिण अफ्रीका को हराकर बेहतर स्थिति में है.
टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बिल्कुल भी फार्म में नहीं दिखी थी और टूर्नामेंट में वापसी के लिए जरूरी होगा कि महेंद्र सिंह धोनी के धुरंधर अपनी गलतियों से सीख ले उन्हें इस मैच में ना दोहराएं.
भारत-पाक मैच के पहले खिलाड़ियों की तैयारी की तस्वीरें
ग्रुप मैचों में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की पांच गेंदबाजों की रणनीति हिट रही थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बीती रात के मैच में धोनी के फ्रंटलाइन स्पिनरों को शेन वाटसन और डेविड वार्नर की जोड़ी ने धो दिया.
धोनी ने अपने गेंदबाजों की असफलता के लिए ऑस्ट्रेलियाई पारी के शुरू में हुई हल्की बूंदाबांदी को जिम्मेदार ठहराया. लेकिन सचाई यही है कि पूरी गेंदबाजी इकाई चुनौती देने में असफल रही थी.
आर अश्विन से लेकर पीयूष चावला तक हर गेंदबाज ने फुल टास और खराब गेंदें फेंकी जो ऑस्ट्रेलिया की इस विस्फोटक जोड़ी के लिए फायदेमंद साबित हुई. धोनी हालांकि अपनी पांच गेंदबाजों की रणनीति के साथ अडिग रह सकते हैं, लेकिन अगर वह लेग स्पिनर चावला को टूर्नामेंट को एक और मौका देते हैं तो यह हैरानी भरा होगा.
चावला बने टीम इंडिया के लिए 'चिंता'
पाकिस्तानी टीम में स्पिन गेंदबाजी के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी मौजूद हैं और चावला की गेंदबाजी में निरंतरता नहीं दिखी है. अगर पाकिस्तानी टीम के खिलाड़ी जैसे इमरान नजीर, नासिर जमशेद और मोहम्मद हफीज अपनी लय में आ जाएं तो वे चावला की गेंदबाजी की धज्जियां उड़ा देंगे.
धोनी ने सुझाव दिया था कि प्रेमदासा की पिच पर धीमी गेंदें प्रभावशाली होंगी, जिसका मतलब है कि लक्ष्मीपति बालाजी जैसा गेंदबाज प्रभावी हो सकता है.
वीरू की वापसी पर अभी भी सस्पेंस
भारतीय टीम में बल्लेबाजी की चिंताएं भी हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि धोनी वीरेंद्र सहवाग को बाहर रखकर इरफान पठान को सलामी बल्लेबाज के रूप में उतारना जारी रखते हैं या वीरू की टीम में वापसी होती है.
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारतीय बल्लेबाज अभी तक टूर्नामेंट के तीन मैचों में केवल सात छक्के जड़ पाए हैं जबकि वाटसन ने अकेले ही भारत सात छक्के जमाए थे. हालांकि युवराज सिंह के टीम में शामिल करने के संबंध में कुछ गंभीर सवाल पूछे जा सकते हैं.
चयनकर्ताओं ने कैंसर से उबरने के बाद भावनात्मक फैसला करते हुए उन्हें टीम में शामिल किया और हर मैच में साबित हो रहा है कि इस प्रतिभाशाली बाएं हाथ के बल्लेबाज को अंतरराष्ट्रीय वापसी से पहले गंभीर रूप से कुछ मैच अभ्यास करना चाहिए था.
पाक के लिए भी बल्लेबाजी चिंता का सबब
वहीं पाकिस्तानी टीम अपनी बल्लेबाजी में सुधार करना चाहेगी क्योंकि उमर गुल और उमर अकमल की शानदार बल्लेबाजी से वे दक्षिण अफ्रीका को हराने में सफल रहे थे.
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने चार स्पिनरों का इस्तेमाल किया था लेकिन भारत के खिलाफ शायद वे रजा हसन को नहीं खिलाएं.
कप्तान मोहम्मद हफीज, शाहिद अफरीदी और सैयद अजमल तो टीम में होंगे ही लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि पाकिस्तान मोहम्मद समी को खिला ले जो उपयोगी साबित हो सकते हैं. पाकिस्तान के लिए अफरीदी का बल्ले से निराशाजनक प्रदर्शन सबसे बड़ी समस्या है.
भारत: महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), गौतम गंभीर, आर अश्विन, लक्ष्मीपति बालाजी, पीयूष चावला, अशोक डिंडा, हरभजन सिंह, जहीर खान, विराट कोहली, इरफान पठान, सुरेश रैना, वीरेंद्र सहवाग, रोहित शर्मा, मनोज तिवारी और युवराज सिंह.
पाकिस्तान: मोहम्मद हफीज (कप्तान), इमरान नजीर, कामरान अकमल, शाहिद अफरीदी, शोएब मलिक, नासिर जमशेद, सईद अजमल, सोहेल तनवीर, उमर अकमल, उमर गुल, यासिर अराफात, अब्दुल रज्जाक, मोहम्मद समी, असद शफीक और रजा हसन.