28 साल के बाद विश्व कप जीतने का सपना पूरा करने के साथ ही टीम इंडिया के कोच गुरू गैरी का भारत के साथ यादगार सफर भी वानखेड़े स्टेडियम पर खत्म हो गया.
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर गैरी कर्स्टन आस्ट्रेलियाई कोच ग्रेग चैपल का विवादित दौर खत्म होने के बाद टीम इंडिया से जुड़े थे. उनके बेहद सफल कार्यकाल में भारत ने टेस्ट क्रिकेट में नंबर वन का दर्जा हासिल किया और वनडे क्रिकेट का विश्व कप जीता.
जीत के बाद सुरेश रैना ने कर्स्टन को कंधे पर उठाकर मैदान का चक्कर लगाया और उनका साथ दिया विराट कोहली ने. पर्दे के पीछे रहकर काम करने वाले कर्स्टन ही वह रणनीतिकार हैं जिन्होंने धोनी एंड कंपनी की जीत की गाथा लिखी.
विश्व कप 2007 में पहले ही दौर से बाहर होने वाली टीम इंडिया को कर्स्टन जैसे ही किसी शांतचित्त और दृढ कोच की जरूरत थी. गैरी के दौर में ही चैम्पियन बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने फिटनेस समस्याओं से उबरकर वापसी की.
तेज गेंदबाज जहीर खान, विश्व कप के मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे युवराज सिंह ने भी खराब दौर से निकलकर वापसी की. विराट कोहली और सुरेश रैना जैसे खिलाड़ियों का उदय भी इसी दौर में हुआ. अब टीम इंडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी कि कर्स्टन की जगह कौन लेगा.