भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा कि वीवीएस लक्ष्मण ने तुरंत प्रभाव से संन्यास लेने का फैसला लेकर चयनकर्ताओं को कड़ा संदेश दिया.
गांगुली ने कहा,‘श्रीकांत की बड़ी समस्या संवाद स्थापित नहीं कर पाना है. लक्ष्मण जैसे खिलाड़ी केवल दो टेस्ट मैचों के लिये खुद को फिट रखने के लिये इतनी मेहनत नहीं करता. अगर चयनकर्ता अपना मत लक्ष्मण को पहले ही बता देते तो यह स्थिति पैदा नहीं होती. उन्होंने यह मामला अगस्त तक क्यों खींचा. शायद चयनकर्ताओं के विचार ने लक्ष्मण को ज्यादा निराश किया होगा.’
गांगुली का मानना है कि श्रीकांत की चयन नीति भारतीय क्रिकेट के विकास के लिये हानिकारक है.
उन्होंने कहा, ‘चयनकर्ता भारतीय क्रिकेट के भविष्य को ध्यान में रख कर टीम का चयन नहीं करते बल्कि कुछ घटा या बढाकर संतुलन बनाने का प्रयास करते हैं.’
गांगुली को इस बात पर भी आश्चर्य हुआ कि लक्ष्मण ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि उसकी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से बात नहीं हो सकी.
गांगुली ने कहा, ‘कप्तान को 24 घंटे उपलब्ध होना चाहिये. पता नहीं धोनी ने ऐसा क्यों किया. मुझे लगता है कि लक्ष्मण को अगर धोनी का समर्थन मिल जाता तो स्थिति कुछ और हो सकती थी.'