भारत के मध्यक्रम के बल्लेबाज युवराज सिंह ने खुलासा किया कि पिछले साल जब उन्हें टेस्ट और एकदिवसीय टीम से बाहर किया गया तो वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बारे में सोच रहे थे.
युवराज ने कहा कि उनके दस साल के कैरियर का यह सबसे कड़ा दौर था तथा उनके माता पिता ने इससे बाहर निकलने में उनकी मदद की.
उन्होंने कहा, ‘यह मेरे लिये मुश्किल दौर था. यह पिछले दस साल में मेरे लिये सबसे कड़ा दौर था. ऐसा भी समय आया जब मैंने खुद से पूछा कि क्या मुझे खेलना जारी रखना चाहिए. मैं गंभीरता से सोचने लग गया था कि क्या मैं आगे खेलना चाहता हूं या नहीं. मेरे दिमाग में कई नकारात्मक विचार आ रहे थे.’
युवराज ने कहा, ‘जब भी मैं मैदान पर उतरता चोटिल हो जाता. यह समय मेरे लिये वास्तव में खराब था. मैं अपने कुछ अच्छे मित्रों तथा माता पिता की मदद से ही इस दौर से निकल पाया. मैंने खुद को प्रेरित किया और कड़ी मेहनत की.’
बायें हाथ के इस बल्लेबाज को आस्ट्रेलिया के खिलाफ अक्तूबर में हुई टेस्ट श्रृंखला की टीम से बाहर कर दिया गया था. इसके अलावा उन्हें जून में श्रीलंका के खिलाफ एशिया कप की टीम में भी नहीं चुना गया था.
युवराज ने कहा कि वह विश्व कप के लिये फार्म में वापसी के प्रति आश्वस्त हैं. उन्होंने कहा, ‘पिछले वर्ष की तुलना में मेरी फार्म इस समय अच्छी है. पिछला साल इसलिए कड़ा रहा क्योंकि मैं चोटिल था. मैं विश्व कप के लिये तैयार हूं.’
उन्होंने कहा, ‘मैं विश्व कप के लिये कुछ भी कर सकता हैं और सचिन तेंदुलकर के लिये इसे जीतना चाहता हूं. भारत के लिये यह सपना सच होने जैसा रहेगा.’