पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम ने कहा कि भारत की नयी चयनसमिति को अपने तेज आक्रमण को मजबूत करने के लिये उमेश यादव और वरुण एरॉन जैसे खिलाड़ियों को तैयार करना चाहिए.
अकरम ने कहा, ‘उमेश यादव कहां है और वरुण एरॉन को लगता है कि भुला दिया गया है. अब नयी चयनसमिति आ गयी है तथा उमेश और वरुण दोनों को भारत की पेस बैटरी को मजबूत करने के लिये तैयार किया जाना चाहिए.’
भारत मंगलवार रात दक्षिण अफ्रीका पर एक रन की जीत के बावजूद आईसीसी विश्व टी20 से बाहर हो गया.
अकरम ने ईएसपीएनस्टार डॉट काम से कहा, ‘मैंने सुना कि वरुण चोटिल है. मेरा मानना है कि बीसीसीआई को उसकी सुध लेकर उसकी समस्याओं को निबटाना चाहिए. कम से कम उमेश को टी20 टीम में होना चाहिए था.’
भारत की सलामी जोड़ी के बारे में अकरम ने खराब फॉर्म में चल रहे वीरेंद्र सहवाग का पक्ष लिया.
उन्होंने कहा, ‘भारत के लिये सलामी जोड़ी समस्या रही है. गौतम गंभीर सही फॉर्म में नहीं है और वीरेंद्र सहवाग के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. जो भी हो लेकिन मैं अब भी सहवाग का प्रशंसक हूं. वह अब भी ऐसा बल्लेबाज है जो कुछ क्षणों में मैच का पासा पलट सकता है. भारत जब तक उनके स्थान पर स्थायी बल्लेबाज तैयार नहीं कर लेता, सहवाग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.’
इस पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज ने कहा कि सिर्फ गेंदबाजी ही नहीं बल्कि शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों का लचर प्रदर्शन भी भारत के लिये चिंता का विषय है.
उन्होंने कहा, ‘प्रत्येक हार में सबक सीखने को मिलता है. भारत के लिये उसकी गेंदबाजी और निश्चित तौर पर शीर्ष क्रम की बल्लेबाजी चिंता का विषय है. टीम तभी विश्वस्तरीय होती है जब वह प्रत्येक विभाग में पूर्ण हो. भारत की बल्लेबाजी विश्व में सबसे मजबूत है लेकिन यदि आप प्रत्येक दिन जहीर खान और लक्ष्मीपति बालाजी से करीबी मैच में जीत की उम्मीद करते हो तो फिर दोबारा सोचो.’
अकरम ने कहा, ‘बालाजी को आखिरी ओवर सौंपना आत्महत्या करने जैसा था. वापसी करने वाले गेंदबाज में आत्मविश्वास कम होता है और मैं समझता हूं कि भारत भाग्यशाली था जो एक रन से जीत गया.’