भारत के स्टार बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण न्यूजीलैंड के खिलाफ 23 अगस्त से हैदराबाद में होने वाली दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की योजना बना रहे हैं.
पता चला है कि अब 134 टेस्ट मैच खेलने वाला यह कलात्मक बल्लेबाज एक-दो दिन में संवाददाता सम्मेलन में अपने 16 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर के समापन की घोषणा करेगा. अभी तक हालांकि बीसीसीआई या हैदराबाद क्रिकेट संघ ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.
पिछले डेढ़ दशक से भारतीय मध्यक्रम में सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली के साथ मिलकर ‘फैब फोर’ बनाने वाले लक्ष्मण ने अपनी कलाईयों की जादूगरी से विश्व क्रिकेट में खास जगह बनायी. इन चारों खिलाड़ियों के रहते ही भारत ने टेस्ट मैचों में तेजी से प्रगति की और वह दुनिया की नंबर एक टीम बनी. लक्ष्मण ने अब तक 8781 टेस्ट रन बनाये हैं जिसमें 17 शतक शामिल हैं.
उनके करियर का सर्वोच्च स्कोर 281 रन है जो उन्होंने 2001 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता में बनाया था. भारत ने उनकी इस पारी की बदौलत फॉओलान के बावजूद जीत दर्ज की थी. लक्ष्मण का टेस्ट औसत 45.97 है. लक्ष्मण कभी एकदिवसीय टीम के नियमित सदस्य नहीं रहे. उन्होंने 83 वनडे मैचों में 2338 रन बनाये जिसमें छह शतक शामिल हैं.
उनके चमकदार करियर का सबसे निराशाजनक पहलू यह रहा कि वह अपने करियर के दौरान चारों विश्व कप में से किसी में नहीं खेल पाये. आस्ट्रेलियाई दौरे में नहीं चल पाने के कारण उनके भविष्य को लेकर कयास लगाये जा रहे थे. इस हैदराबादी बल्लेबाज ने आस्ट्रेलिया के दौरे में केवल 154 रन बनाये थे.
यह भी पता चला है कि लक्ष्मण पिछली दो श्रृंखलाओं में असफलता के बाद आलोचनाओं और इन टिप्पणियों से आहत हैं कि उन्हें युवा खिलाड़ियों के लिये जगह छोड़ देनी चाहिए. लक्ष्मण का इंग्लैंड दौरा भी निराशाजनक रहा तथा भारत की लगातार आठ हार के बाद उन पर टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का दबाव बढ़ने लगा था.
हो सकता है कि लक्ष्मण अपने घरेलू मैदान हैदराबाद में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दें लेकिन राष्ट्रीय चयनसमिति दोनों टेस्ट मैच के लिये पहले ही टीम घोषित कर चुकी है. दूसरा मैच 31 अगस्त से बैंगलोर में खेला जाएगा. लक्ष्मण के संन्यास लेने के बाद भारतीय क्रिकेट के स्वर्णिम पीढ़ी में से केवल सचिन तेंदुलकर ही टीम में बने रहेंगे.
अनिल कुंबले, गांगुली और द्रविड़ पहले ही संन्यास ले चुके हैं. आस्ट्रेलिया के खिलाफ 281 रन की जोरदार पारी के बाद ‘वेरी वेरी स्पेशल’ का उपनाम पाने वाले लक्ष्मण ने हमेशा आस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया. उन्होंने अपने छह शतक आस्ट्रेलिया के मजबूत तेज गेंदबाजी आक्रमण के सामने बनाये जो महानता की निशानी है.
उन्होंने 2010 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली ने नाबाद 73 रन की एक और जोरदार पारी खेली थी. वह पीठ दर्द से जूझ रहे थे लेकिन उन्होंने रनर की मदद से दसवें नंबर के बल्लेबाज इशांत शर्मा के साथ मिलकर भारत को जीत दिलायी थी. अपने करियर के दूसरे चरण में उन्होंने पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ बल्लेबाजी करने की कला में महारत हासिल कर ली थी.
पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ बल्लेबाजी करने के कारण उन्हें कई शतकों से वंचित होना पड़ा. उन्होंने 2010 में ही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डरबन में डेल स्टेन और मोर्ने मोर्कल के साथ 96 रन की बेहतरीन पारी खेली थी जिससे भारत ने जीत दर्ज की थी.