विजेंदर सिंह (75 किग्रा) आज कजाखस्तान के अस्ताना में एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर के सेमीफाइनल में पहुंचकर लगातार तीसरी बार ओलंपिक खेलों के लिये क्वालीफाई करने वाले भारत के पहले मुक्केबाज बन गये.
ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक से इन दोनों प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले पहले भारतीय विजेंदर ने मंगोलिया के चुलुनटुमुर तुमुरखुयाग को 27-17 से हराकर सिर्फ ओलंपिक का टिकट ही हासिल नहीं किया बल्कि इस टूर्नामेंट का पदक भी पक्का किया.
विजेंदर ने अस्ताना में जीत दर्ज करने के बाद कहा, ‘मैं वापस आ गया हूं. ‘ यह 26 वर्षीय पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप में लंदन ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने के पहले प्रयास में असफल रहा था.
दुनिया के पूर्व नंबर एक मुक्केबाज ने कहा, ‘मैंने अपने सारे आलोचकों को जवाब दे दिया है जो विश्व चैम्पियनशिप के पहले राउंड में मेरे हारने के बाद कह रहे थे कि मेरा बोरिया बिस्तर बंध चुका है. ‘ वर्ष 2008 के बीजिंग ओलंपिक से पहले विजेंदर ने एशियाई क्वालीफायर में स्वर्ण पदक जीता था जो कजाखस्तान में ही हुआ था.
उन्होंने कहा, ‘अब मैं सब कुछ ओलंपिक को देकर साबित कर दूंगा कि मैं सर्वश्रेष्ठ हूं. क्वालीफाई करने के बाद काफी राहत महसूस हो रही है. ओलंपिक में लगातार तीसरी बार क्वालीफाई करने वाला पहला मुक्केबाज बनने का अहसास विशेष है.
विजेंदर को शुरूआती बाउट में बाई मिली थी और प्री क्वार्टरफाइनल में उन्होंने सीरिया के इशाक वाएज को हराया था. राष्ट्रीय कोच गुरबक्श सिंह संधू ने कहा, ‘उसकी फिटनेस और सहनशक्ति आज की बाउट से दिख गयी. वह जिस तरह से खेला, उसने मुझे हैरत में डाल दिया. उन्होंने कहा, ‘मेरे पास इस बाउट को बयां करने के लिये शब्द ही नहीं है कि उसकी बाउट कितनी अच्छी थी. उसने शानदार प्रदर्शन किया. विजेंदर 2004 एथेंस ओलंपिक के शुरूआती राउंड में हार गये थे लेकिन उन्होंने बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक हासिल किया.
विजेंदर के लंदन के लिये क्वालीफाई करने से वह इस महासमर का टिकट कटाने वाले पांचवें भारतीय मुक्केबाज बन गये हैं.
भारत के एल देवेंद्रो सिंह (49 किग्रा), जय भगवान (60 किग्रा), मनोज कुमार (64 किग्रा) और विकास कृष्ण (69 किग्रा) पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टरफाइनल में पहुंचकर पहले ही क्वालीफाई कर चुके हैं.
विकास ने इस टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता था और वह विजेंदर के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे मुक्केबाज हैं.
विजेंदर को फाइनल में जगह बनाने के लिए अब 2011 एशियाई चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता तुर्कमेनिस्तान के नुरसाहत पाजीवेव का सामना करना है. इस बीच शाम के सत्र में सुमित सांगवान (81 किग्रा) ने भी कोरिया के ह्यांगक्यू किम को 22-12 से हराकर सेमीफाइनल का सफर तय किया. उन्हें हालांकि अभी ओलंपिक का टिकट नहीं मिला है क्योंकि 81 किग्रा वर्ग में केवल तीन कोटा हैं.
हुड्डा ने ओलंपिक में जगह बनाने पर विजेंदर को बधाई दी
हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने आज मुक्केबाज विजेंदर सिंह (75 किग्रा) को लंदन ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने पर बधाई दी. विजेंदर ने कजाखस्तान के अस्ताना में चल रहे एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर के सेमीफाइनल में पहुंचकर यह उपलब्धि हासिल की.
विजेंदर सिंह ओलंपिक के लिए लगातार तीसरी बार क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज हैं. लंदन खेलों के लिए अब तक क्वालीफाई करने वाले पांच भारतीय मुक्केबाजों में से चार हरियाणा के हैं जिसमें विजेंदर भी शामिल हैं.
हुड्डा ने कहा, ‘इन मुक्केबाजों ने राज्य और देश को गौरवांवित किया है.’