पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने विराट कोहली की प्रशंसा करते हुए उन्हें मौजूदा फॉर्म में ‘सर्वश्रेष्ठ भारतीय बल्लेबाज’ करार किया.
उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में दबाव भरे हालातों में जीत का लक्ष्य हासिल करने में अहम भूमिका निभाने से उसके आत्मविश्वास में काफी बढ़ोतरी होगी. द्रविड़ मेहमान कमेंटेटर के रूप में कमेंट्री बाक्स में पहुंचे थे.
उन्होंने कहा, ‘विराट बेहतरीन बल्लेबाज है. मौजूदा फॉर्म में वह भारतीय टीम में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज है. उसने सचमुच मौकों का पूरा फायदा उठाया है.’
कोहली ने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ मिलकर भारतीय टीम को लक्ष्य हासिल करने में सफलता दिलायी. द्रविड़ ने कहा कि टीम को चौथी पारी में जीत तक ले जाने के अनुभव से उसके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी.
उन्होंने कहा, ‘विराट के पास सलाह के लिये धोनी थे, लेकिन इस लक्ष्य को हासिल करने से निश्चित रूप से उसके आत्मविश्वास में इजाफा होगा.’
विराट को करियर के शुरू में स्वच्छंद क्रिकेटर कहा जाता था और द्रविड़ को लगता है कि इस बल्लेबाज ने काफी सुधार किया है.
द्रविड़ ने कहा, ‘मैंने अंडर 19 के दिनों से उसका करियर देखा है. वह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर का हिस्सा था, मैंने उसे करीब से देखा है. उसकी प्रतिभा पर कभी सवाल नहीं उठा था लेकिन मानसिक अनुशासन संबंधी कुछ मुद्दे थे.’
भारत की ओर से 164 टेस्ट खेल चुके इस अनुभवी खिलाड़ी ने कहा, ‘लेकिन मैं खुश हूं कि उसने गलतियों से सीख ली है और बल्लेबाज के रूप में काफी सुधार किया है. शुरू में उसे शॉर्ट पिच गेंदों से कुछ परेशानी थी लेकिन अब उसमें काफी सुधार हो गया है.’
द्रविड़ ने कहा कि रोहित शर्मा, अंजिक्य रहाणे और मनोज तिवारी में टेस्ट टीम में जगह बनाने की योग्यता है.
उन्होंने कहा, ‘रहाणे काफी प्रतिभाशाली बल्लेबाज है. मुंबई इंडियंस के साथ कुछ वर्ष काफी कठिन थे क्योंकि उसका बल्लेबाजी लाइन अप काफी मजबूत था. लेकिन वह रॉयल्स में आया और उसे बखूबी पता था कि उसे मौका मिलेगा और उसने उन मौकों का पूरा फायदा उठाया.’
द्रविड़ ने कहा, ‘आखिरकार युवा खिलाड़ियों के लिये खेलने वाला समय अहम है. ड्रेसिंग रूम में अन्य खिलाड़ियों के साथ आप कुछ चीजें सीख सकते हो लेकिन आप बड़ी चीजें क्रीज पर रहकर ही सीखते हो.’
द्रविड़ हालांकि द्विपक्षीय एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों की श्रृंखला का समर्थन नहीं करते और उन्हें इसका कोई फायदा दिखायी नहीं देता.
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि तीनों प्रारूप अस्तित्व में रह सकते हैं. लेकिन मैं चाहूंगा कि वनडे को केवल आईसीसी टूर्नामेंटों जैसे विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी तक ही सीमित कर देना चाहिए. ट्वेंटी20 क्रिकेट को काफी लोकप्रियता मिल रही है. लेकिन मुझे पांच या सात मैचों की द्विपक्षीय एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों की श्रृंखला करवाने का कोई फायदा नहीं दिखता.’
द्रविड़ ने कहा, ‘लेकिन टेस्ट मैचों के लिये इतनी संख्या में दर्शकों को देखना अच्छा लगा. यह दर्शाता है कि टेस्ट क्रिकेट को अब भी पसंद किया जाता है.’