पाकिस्तान पर मिली विराट जीत से अपने अभियान को सही दिशा में लाने वाली भारतीय टीम को सेमीफाइनल में जगह पक्की करने के लिये टी20 विश्व कप क्रिकेट के अपने आखिरी सुपर आठ मैच में दक्षिण अफ्रीका को हराना होगा.
ग्रुप दो में सेमीफाइनल में पहुंचने वाली टीमों के लिये घमासान मचा है. भारत और पाकिस्तान दोनों के पास अंतिम चार में प्रवेश का मौका है हालांकि ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी लग रहा है.
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने स्वीकार किया कि ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के मैच का नतीजा जाने बिना कोई रणनीति बनाना बेवकूफी होगी.
ऑस्ट्रेलिया यदि पाकिस्तान को हरा देता है तो भारत के लिये सिर्फ जीत ही सेमीफाइनल में पहुंचने को काफी होगी. ऐसे में भारत यदि दक्षिण अफ्रीका से हार भी जाता है तो उसे बड़े अंतर से हारने से बचना होगा क्योंकि ऐसे में तीनों टीमों का नेट रनरेट देखा जायेगा.
दक्षिण अफ्रीका दोनों मैच हार चुका है. पाकिस्तान से वह करीबी मुकाबला हारा तो ऑस्ट्रेलिया ने उसे बुरी तरह हराया.
एबी डिविलियर्स एंड कंपनी टूर्नामेंट से सम्मानजनक ढंग से विदा लेना चाहेगी. तकनीकी तौर पर वह भी सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर नहीं है लेकिन उनका रनरेट बाधा बन सकता है.
भारतीय टीम का सामना दक्षिण अफ्रीका से है जिसके पास गैरी कर्स्टन जैसा गुरू है. कर्स्टन भारत के सबसे सफल क्रिकेट कोच रहे हैं और भारतीयों को हराने के लिये बेहतर रणनीति बना सकते हैं. मैच में स्पिन गेंदबाजों की भूमिका अहम होगी.
अब देखना यह है कि क्या धोनी अनुभवी तेज गेंदबाज जहीर खान को बाहर करके दूसरे स्पिनर के तौर पर हरभजन सिंह को उतारेंगे.
सात बल्लेबाजों को लेकर उतरने की रणनीति कारगर साबित हुई है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि धोनी विजयी फॉर्मूला बरकरार रखते हैं या अपने गेंदबाजी संसाधनों का पूरा विदोहन करते हैं.
दक्षिण अफ्रीकी टीम पाकिस्तान के खिलाफ मोहम्मद हफीज और सईद अजमल की स्पिन गेंदबाजी का सामना नहीं कर सकी थी. ऐसे में हरभजन सिंह दक्षिण अफ्रीका के खब्बू बल्लेबाजों जेपी डुमिनी और रॉबिन पीटरसन के लिये सिरदर्द साबित हो सकते हैं.
बायें हाथ के धीमे गेंदबाज जेवियर डोहर्टी ने भी उन्हें परेशान किया. युवराज सिंह के लिये यह शुभ संकेत है जो टी20 विश्व कप में गेंदबाजी हरफनमौला के रूप में काफी उपयोगी साबित हो रहे हैं.
भारत के लिये सिरदर्द पारी की शुरुआत है. वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर दोनों फॉर्म में नहीं हैं. पाकिस्तान के खिलाफ मैच में सहवाग की टीम में वापसी हुई जिन्होंने विराट कोहली का बखूबी साथ निभाते हुए दूसरे विकेट के लिये 74 रन जोड़े.
इंग्लैंड के खिलाफ मिली जीत में गंभीर ने उपयोगी पारी खेली लेकिन बाकी मैचों में वह नाकाम रहे. भारतीय बल्लेबाजों में कोहली ने एक बार फिर लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. टीम प्रबंधन को युवराज से अच्छी पारी की उम्मीद है क्योंकि वह चिर परिचित आक्रामकता नहीं दिखा पा रहे हैं.
इनमें से चुनी जाएगी टीम
भारत: महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), गौतम गंभीर, आर अश्विन, लक्ष्मीपति बालाजी, पीयूष चावला, अशोक डिंडा, हरभजन सिंह, जहीर खान, विराट कोहली, इरफान पठान, सुरेश रैना, वीरेंद्र सहवाग, रोहित शर्मा, मनोज तिवारी, युवराज सिंह.
दक्षिण अफ्रीका: एबी डिविलियर्स (कप्तान), हाशिम अमला, फरहान बेहार्डियेन, जोहान बोथा, जेपी डुमिनी, फ्रांकोइस डु प्लेसिस, जाक कैलिस, रिचर्ड लेवी, एल्बी मोर्कल, मोर्नी मोर्कल, जस्टिन ओनटोंग, वेन परनेल, राबिन पीटरसन, डेल स्टेन, लोंवाबो सोटसोबे.