स्टार स्पिनर हरभजन सिंह ने टीम इंडिया की विश्व कप जीत में निवर्तमान कोच गैरी कर्स्टन की भूमिका की सराहना करते हुए स्वीकार किया कि इस दक्षिण अफ्रीकी ने ही उन्हें खिलाड़ी से चैम्पियन बनाया और टीम को उनकी कमी खलेगी. हरभजन ने साथ ही दुनिया में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न देने की मांग का भी समर्थन किया.
विश्व कप जीतने के बाद अपने गृह नगर जालंधर लौटे हरभजन सिंह ने कहा, ‘गैरी कर्स्टन जैसे कोच विरले ही मिलते हैं. जब वह हमारे साथ जुड़े तब हम केवल खिलाड़ी थे और अब उन्होंने हमें चैंपियन बना दिया है.’ गुरू गैरी की प्रशंसा करते हुए इस आफ स्पिनर ने कहा, ‘वह बेहतर व्यक्तित्व वाले हैं. एक अच्छे दोस्त हैं और उससे भी अच्छे कोच हैं. लेकिन इन सबसे पहले वह एक बेहतर इंसान हैं, जो हर मुश्किल की घड़ी का सामना हंस कर करता है.’
गैरी की विदाई पर भज्जी ने कहा, ‘मुझे ही नहीं मेरे साथी खिलाड़ियों को भी उनकी कमी खलेगी. अगर वह हमारे साथ बने रहते तो अच्छा होता. गैरी ने टीम को टेस्ट में नंबर वन तक पहुंचाया. वन डे में चैंपियन बनाया. इससे बेहतर हमारे लिए और क्या हो सकता है.’
मास्टर ब्लास्टर को ‘भारत रत्न’ दिये जाने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि तेंदुलकर एक ऐसी शख्सियत हैं जो इस पुरस्कार के लायक हैं. उन्होंने कहा कि वह भारत के ‘असली रत्न’ हैं और उनके लिए पूरा देश दुआ करता है.
{mospagebreak} दुनिया भर में टर्बनेटर के नाम से मशहूर भज्जी ने कहा, ‘सचिन महान हैं . जिस तरह उन्होंने पिछले 21 साल से भारतीय क्रिकेट को बुलंदियों तक पहुंचाया है, उसे शब्दों में नहीं बयां किया जा सकता. उनके लिए बच्चे बूढ़े सभी दुआ करते हैं और निश्चित तौर पर अभी सही समय है जब सचिन को इससे नवाजा जाना चाहिए.’
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बारे में उन्होंने कहा, ‘भारतीय क्रिकेट टीम को ऐसे ही लीडर की जरूरत है. धोनी से बेहतर कप्तान टीम इंडिया को मिलना मुश्किल है. उसमें त्वरित निर्णय करने की गजब की क्षमता है.’
हरभजन ने कहा कि धोनी की क्रिकेट, उसके फैसले और मैदान तथा ड्रेसिंग रूम में उनका रवैया उनके बेहतर कप्तान होने का सशक्त उदाहरण है और इसी का परिणाम है कि आज हम विश्व चैंपियन बन गए हैं.
मुरलीधरन के रिकार्ड तोड़ने के बारे में पूछे जाने पर दुनिया भर में अपने ‘दूसरा’ के लिए चर्चित इस गेंदबाज ने कहा, ‘मैं जब क्रिकेट खेलता हूं तो केवल खेलता हूं. मैं लक्ष्य लेकर मैदान पर नहीं जाता हूं. जब भी खेलने के लिए जाता हूं तो एक बात दिमाग में होती है- टीम को बेस्ट देने की बात.’
उन्होंने कहा कि मैं कोशिश करता हूं कि अपनी टीम को अपना बेस्ट दूं और मैच जीतने के अलावा मैदान पर मेरा कोई टार्गेट नहीं होता है.
यह पूछे जाने पर कि आगे की उनकी योजना क्या है उन्होंने कहा कि अभी तक इस पर उन्होंने विचार नहीं किया है और फिलहाल आईपीएल उनके सामने है.