वर्ल्डकप के ग्रुप बी में अंतिम लीग मैच में भारत ने वेस्टइंडीज को 80 रनों से हरा दिया. इस तरह भारत ग्रुप बी में दूसरे स्थान पर पहुंच गया. अब क्वार्टर फाइनल में भारत का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से होगा. युवराज सिंह को उनके हरफनमौला प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया. भारत की ओर से जहीर खान सबसे सफल गेंदबाज रहे जिन्होंने वेस्टइंडीज के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई. वहीं इस विश्वकप में अपना पहला मैच खेल रहे आर अश्विन और युवराज सिंह ने 2-2 विकेट चटकाए. सुरेश रैना और हरभजन सिंह को एक-एक विकेट से संतोष करना पड़ा.
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युवराज ने 113 रन की लाजवाब पारी खेली और इस बीच विराट कोहली (59) के साथ तीसरे विकेट के लिये 122 रन की साझेदारी की लेकिन लगातार दूसरे मैच में भारतीय विकेटों का पतझड़ देखने को मिला जिससे एक समय 300 रन तक पहुंचने की स्थिति में दिख रही टीम 49.1 ओवर में 268 रन पर आउट हो गयी. डेवोन स्मिथ की 81 रन की पारी से वेस्टइंडीज का स्कोर एक समय दो विकेट पर 154 रन था लेकिन इसके बाद 34 रन के अंदर आठ विकेट गंवाने से उसकी टीम 43 ओवर में 188 रन पर ढेर हो गयी. युवराज ने गेंदबाजी में भी कमाल दिखाते हुए 18 रन देकर दो विकेट लिये जबकि जहीर ने 26 रन देकर तीन खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा. {mospagebreak}
भारत इस तरह से ग्रुप बी में 9 अंक लेकर दूसरे स्थान पर रहा और उसे क्वार्टर फाइनल में 24 मार्च को पिछले चैंपियन ऑस्ट्रेलिया से भिड़ना होगा. वेस्टइंडीज के भी बांग्लादेश के बराबर छह अंक रहे लेकिन बेहतर रन रेट के आधार पर वह क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में सफल रहा. वह अंतिम आठ के मुकाबले में मीरपुर में पाकिस्तान से भिड़ेगा.
युवराज इस मैच में एक स्थान उपर चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे और उन्होंने नौ और 11 रन पर शुरू में मिले दो जीवनदान का फायदा उठाते हुए विश्वकप का अपना पहला शतक जड़ा. यह एकदिवसीय मैचों में उनका कुल 13वां शतक है जिसके लिये उन्होंने 123 गेंद खेली तथा दस चौके और दो छक्के लगाये. महेंद्र सिंह धोनी ने हालांकि अपने स्पिनरों पर अधिक भरोसा दिखाया. उन्होंने विश्वकप में अपना पहला मैच खेल रहे रविचंद्रन अश्विन से गेंदबाजी की शुरुआत करायी और छठे ओवर में हरभजन सिंह को गेंद थमा दी. इसके बाद उन्होंने युवराज और यूसुफ पठान तथा यहां तक कि सुरेश रैना का भी बखूबी उपयोग किया जबकि दूसरे तेज गेंदबाज मुनाफ पटेल को 25वें ओवर में जाकर गेंद थमायी. {mospagebreak}
अश्विन ने पारी के सातवें ओवर में वन डे में पदार्पण करने वाले किर्क एडवर्डस (17) को पगबाधा आउट किया. भारत को हालांकि इस विकेट के लिये रेफरल का सहारा लेना पड़ा. स्मिथ दूसरे छोर से पारी को संवारते रहे लेकिन रैना के पहले ओवर में डेरेन ब्रावो (22) ने गलत शॉट खेलकर अपना विकेट इनाम में दिया.
स्मिथ और रामनरेशन सरवन (39) जब क्रीज पर थे तब भारतीयों की होली के रंग में भंग पड़ने की संभावना दिख रही थी. इन दोनों ने तीसरे विकेट के लिये 63 रन जोड़े. जहीर ने स्मिथ को बोल्ड करके यह साझेदारी तोड़ी जिन्होंने अपनी पारी में 97 गेंद खेली तथा सात चौके और एक छक्का लगाया. इसके बाद विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया तथा कीरोन पोलार्ड, डेवोन थॉमस और डेरेन सैमी भी आयाराम गयाराम ही साबित हुए. {mospagebreak}
इससे पहले युवराज सिंह के 113 रन की चमकदार पारी से भारत फिर से अंतिम क्षणों में विकेटों के पतझड़ के बावजूद वेस्टइंडीज के खिलाफ विश्व कप ग्रुप बी के अंतिम लीग मैच में 49.1 ओवर में 268 रन बनाने में सफल रहा.
सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के चोटिल होने के कारण युवराज सिंह इस मैच में एक स्थान ऊपर चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे और उन्होंने नौ और 11 रन पर शुरू में मिले दो जीवनदान का फायदा उठाने के बाद विश्व कप का अपना पहला शतक जड़ा. यह एक दिवसीय मैचों में उनका कुल 13वां शतक है जिसके लिये उन्होंने 123 गेंद खेली तथा दस चौके और दो छक्के लगाये.
विराट कोहली ने भी 76 गेंद पर 59 रन का योगदान दिया जिसमें पांच चौके शामिल हैं. सचिन तेंदुलकर के साथ पारी का आगाज करने वाले गौतम गंभीर और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी दोनों ने 22.22 रन बनाये. भारत यदि पूरे 50 ओवर नहीं खेल पाया तो इसका श्रेय कैरेबियाई गेंदबाज रवि रामपाल को जाता है जिन्होंने अपने कैरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 51 रन देकर पांच विकेट लिये.{mospagebreak}
भारत का स्कोर 42वें ओवर तक तीन विकेट पर 218 रन था और लग रहा था कि वह 300 रन तक पहुंच जाएगा लेकिन उसने 7.4 ओवर में 50 रन के अंदर सात विकेट गंवाये. भारत ने इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केवल 29 रन के अंदर नौ विकेट गंवा दिये थे.
भारतीय टीम यदि चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंची तो इसके लिये युवराज और कोहली के बीच तीसरे विकेट के लिये 122 रन की साझेदारी की भूमिका अहम रही. यह पारी का पहला ओवर था और तेंदुलकर तब दो रन पर खेल रहे थे. अंपायर स्टीव डेविस ने उन्हें नाबाद करार दिया था लेकिन तेंदुलकर ने खेल भावना की मिसाल पेश करते हुए खुद ही क्रीज छोड़ दी.
इसके बाद कोहली और गंभीर ने दूसरे विकेट के लिये 43 रन जोड़कर स्थिति संभालने की कोशिश की. इन दोनों ने विशेष रूप से बायें हाथ के स्पिनर सुलेमान बेन को निशाना बनाया. रामपाल ने गंभीर को थर्ड मैन पर आंद्रे रसेल के हाथों कैच कराकर यह साझेदारी तोड़ी जो तब बाहर जाती गेंद को स्लैश करना चाहते थे.
युवराज ने रामपाल की गेंद पर चौका जड़कर अपना खाता खोला और फिर रसेल की गेंद भी कवर में चार रन के लिये भेजी लेकिन इसी ओवर में कैरेबियाई कप्तान डेरेन सैमी ने उनका कैच छोड़ा. सैमी जब अगला ओवर करने आये तो फिर से उन्होंने अपनी ही गेंद पर युवराज को जीवनदान दिया और बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने इसका पूरा फायदा उठाया.{mospagebreak}
युवराज ने सैमी पर ही पारी का पहला छक्का भी जड़ा. लेग स्पिनर देबेंद्र बिशू शुरू में बल्लेबाजों पर अंकुश लगाने में सफल रहे लेकिन युवराज ने उनके छठे ओवर की पहली दो गेंद को सीमा रेखा पार भेजकर अपने 50 रन पूरे करके उनका गेंदबाजी विश्लेषण बिगाड़ा और फिर बेन को भी यही सबक सिखाया.
धोनी ने अच्छी शुरुआत की लेकिन उनके आउट होने से ही पारी के पतन की कहानी शुरू हुई. वह बिशू की गेंद हवा में खेलने के प्रयास में आगे निकल आये लेकिन गच्चा खाकर स्टंप आउट हो गये. इसके बाद तो आयाराम गयाराम जैसी कहानी शुरू हो गयी और भारत ने 28 रन के अंदर पांच विकेट गंवा दिये.
भारतीय कप्तान के दो ओवर बाद सुरेश रैना (4) भी पवेलियन लौट गये जबकि युवराज ने अपना शतक पूरा करने के बाद पोलार्ड की गेंद उठाकर खेलने के प्रयास में अपना विकेट गंवाया. यूसुफ पठान (11) की खराब फार्म जारी रही जबकि हरभजन सिंह (3), जहीर खान (5) और मुनाफ पटेल (1) भी लगातार ओवर में आउट हो गये.