कपिल देव सहित कई पूर्व खिलाड़ी भले ही विश्वास रखते हैं कि सचिन तेंदुलकर अगले विश्व कप में भी खेलेगा लेकिन भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने बुधवार को स्वीकार किया कि व्यावहारिक तौर पर यह संभव नहीं है और इसलिए टीम इंडिया इस महान बल्लेबाज को विश्व कप ट्राफी के रूप में सर्वश्रेष्ठ तोहफा देने के लिये जी जान लगा देगी.
धोनी ने बुधवार को प्रचार कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से कहा, ‘हम भी चाहते हैं कि सचिन अगला विश्व कप खेलें लेकिन व्यावहारिक तौर पर देखा जाए तो यह उनका अंतिम विश्व कप है और इसलिए विश्व कप खिताब टीम की तरफ से उनके लिये सर्वश्रेष्ठ तोहफा होगा. हम इसके लिये कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.’
तेंदुलकर 1992 विश्व कप से इस क्रिकेट महाकुंभ में खेल रहे हैं लेकिन अभी तक केवल यही ट्राफी उनके शानदार कैरियर में नहीं जुड़ी. उपमहाद्वीप में 19 फरवरी से होने वाला टूर्नामेंट इस मास्टर ब्लास्टर का छठा विश्व कप होगा. धोनी ने इसके साथ कहा कि उनकी टीम इस बार मेजबान का विश्व कप नहीं जीत पाने का मिथक तोड़ सकती है. {mospagebreak}
उन्होंने कहा, ‘क्रिकेट में हम कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकते. हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे. भले ही अब तक कोई मेजबान नहीं जीत पाया है लेकिन काफी चीजें पहली बार होती हैं. हम इसके बारे में नहीं सोच रहे हैं. आने वाले 35 दिन में काफी हद तक तस्वीर साफ हो जाएगी.’ धोनी ने इसके साथ ही कहा कि टीम पर अपेक्षाओं के दबाव को जिम्मेदारी के तौर पर देख रही है और उनके खिलाड़ी इतना अनुभव रखते हैं कि इस तरह के दबाव से पार पाने में सक्षम हैं.
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘हम अब दबाव को जिम्मेदारी कहने लगे हैं. आप किसी भी तरह के अंतरराष्ट्रीय मैच में खेल रहे हों आप से जीत की अपेक्षा की जाती है. हमें काफी पहले पता था कि विश्व कप भारत में होगा इसलिए हम इसके लिये तैयार थे. हमारे अधिकतर खिलाड़ियों को 10 से 12 साल तक खेलने का अनुभव है और दबाव हमारे लिये मसला नहीं है.’ {mospagebreak}
धोनी ने कहा कि वह खुद की और मध्यक्रम के अन्य बल्लेबाजों की फार्म से चिंतित नहीं हैं. यह सिर्फ वक्त की बात है और फार्म किसी भी समय हासिल की जा सकती है. मैं इसे चिंता का विषय नहीं मानता.’ उन्होंने स्वीकार किया कि टीम में कई स्टार खिलाड़ियों के होने के कारण अंतिम एकादश का चयन थोड़ा सरदर्द भरा होगा. भारतीय कप्तान ने कहा, ‘दो तरह के विकल्प होते हैं. एक जो खिलाड़ी फार्म में हैं और दूसरा जो फार्म में नहीं हैं. हम फार्म को लेकर ज्यादा नहीं सोच रहे हैं इसलिए टीम का चयन थोड़ा सरदर्द है लेकिन यह अच्छा सरदर्द है.’
धोनी ने हालांकि कहा कि विश्व कप के लिये जो 15 सदस्यीय टीम चुनी गयी है उससे वह खुश हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं इस टीम से खुश हूं. हमने इसके लिये योजना बनायी है लेकिन उसे यहां नहीं बता सकता. हमारी गेंदबाजी में विविधता है. हम जिस तरह की टीम भी उतारना चाहें उसके लिये हमारे पास विकल्प हैं.’ धोनी ने जब पूछा गया कि क्या उन्हें टीम में किसी खिलाड़ी की कमी खलेगी, उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, ‘विव रिचर्डस की.’ {mospagebreak}
भारतीय टीम शुरू से ही अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली (यूडीआरएस) का विरोधी करती रही है लेकिन आईसीसी ने विश्व कप मैचों में इसका उपयोग करने का फैसला किया है. धोनी ने इस बारे में कहा कि उनकी टीम ने इसको लेकर अच्छा होमवर्क किया है. उन्होंने कहा, ‘हम देखेंगे कि यह (डीआरएस) कैसे काम करता है. चार पांच कप्तानों ने इसका समर्थन किया है. हमें इसका अनुभव नहीं है लेकिन हमने अपना होमवर्क किया है.’
धोनी ने विश्व कप के कार्यक्रम का फिर से बचाव करते हुए कहा कि इससे दो मैचों में छह सात दिन के अंतर से खिलाड़ियों को हल्की चोटों से उबरने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, ‘मैं पहले भी कह चुका हूं कि परफेक्ट कार्यक्रम बनाना संभव नहीं है. जब फिटनेस की बात होती है तो इस कार्यक्रम में खिलाड़ियों को अपनी चोटों से उबरने और विश्राम करने का मौका मिलेगा.’
धोनी ने इसके साथ ही ईडन गार्डन्स से भारत और इंग्लैंड का मैच छीने जाने पर भी निराशा जतायी. उन्होंने कहा, ‘हमें कोलकाता के दर्शकों की कमी खलेगी. ईडन में खेलना अपने आप में खास होता है क्योंकि आप एक लाख दर्शकों के सामने खेलते हो. लेकिन इस मामले में हम कुछ नहीं कर सकते.’