विश्व चैंपियन और बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता सुशील कुमार ने अपनी बेजोड़ फार्म का उत्कृष्ट नमूना पेश करते हुए राष्ट्रमंडल खेलों की कुश्ती प्रतियोगिता में आसानी से सोने का तमगा जीता जबकि दो अन्य पहलवान अंतिम पड़ाव पर मात खाकर रजत पदक ही हासिल कर पाये.
भारत के तीन पहलवान फाइनल में पहुंचे थे जिनमें से सुशील ने अपेक्षानुरूप प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता. अनुज कुमार (84 किग्रा) और जोगिंदर कुमार (120 किग्रा) को रजत पदक से संतोष करना पड़ा जबकि रेपेचेज के जरिये आगे बढ़े अनिल कुमार (55 किग्रा) ने भी कांस्य पदक हासिल किया.
इस तरह से भारत ने कुश्ती ने कुल दस स्वर्ण, पांच रजत और तीन कांस्य पदक सहित 18 पदक जीते. कुश्ती प्रतियोगिता का समापन भी हो गया.
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित सुशील की इस शानदार जीत के बाद वहां मौजूद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी ने विशेष रूप से बधाई दी.
भारत के इस स्टार पहलवान ने फाइनल के एकतरफा मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को हेनरिक बर्नेस को चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. दक्षिण अफ्रीकी पहलवान शुरू से ही बचने की कोशिश कर रहा था और जब उसने बाहर भागने की कोशिश की तो सुशील ने चीते की तरह झपटकर उसे दबोच दिया. उन्होंने बर्नेस को उठने ही नहीं दिया जिसके बाद रेफरी ने सुशील को विजेता घोषित कर दिया.{mospagebreak}
राजीव तोमर के डोपिंग में पकड़े जाने के कारण अंतिम समय में भारतीय टीम में जगह बनाने वाले जोगिंदर फाइनल में भारतीय मूल के कनाडाई अर्जन भुल्लर से आसानी से हार गये.
भुल्लर ने जोगिंदर को चित करने में देर नहीं लगायी. इससे पहले जोगिंदर ने इंग्लैंड के मार्क कोकर और आस्ट्रेलिया के डेनिस राबर्ट्स को 3-0 के समान अंतर से हराकर खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया था.
अनिल ने भारतीयों में से दिन की पहली कुश्ती में दक्षिण अफीका के कालरे फैजल वान विक को 5-0 से हराकर अच्छी शुरुआत की थी लेकिन क्वार्टर फाइनल में वह हुसैन से हार गये.
इसके बाद रेपेचेज में वह कनाडा के प्रामिस मवेंगा और श्रीलंका के वाईएमएस मेनल कुमारा को हराने में सफल रहे. कांस्य पदक के मैच में उन्होंने वेल्स के क्रेग पिलिंग को 7-4 से हराकर कांसे का तमगा हासिल किया.