भारत की विश्व कप में खिताबी जीत के नायक बने युवराज सिंह को 18 फरवरी से दो अप्रैल तक उपमहाद्वीप में चले क्रिकेट महाकुंभ का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया.
युवराज ने इस टूर्नामेंट से शानदार वापसी की. उन्होंने बल्ले से तो कमाल दिखाया ही गेंदबाजी में भी अपने जलवे बिखेरे. बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने टूर्नामेंट के नौ मैच में 90.50 की औसत से 362 रन बनाये जिसमें एक शतक और चार अर्धशतक शामिल हैं. इसके अलावा उन्होंने टूर्नामेंट में 15 विकेट भी लिये. वह टूर्नामेंट के चार मैच में मैन ऑफ द मैच भी बने थे.
युवराज ने कहा, ‘हमारे पास बायें हाथ का स्पिनर नहीं था और इसलिए मैंने काफी गेंदबाजी की. नरेंद्र हिरवानी (पूर्व भारतीय स्पिनर और चयनसमिति के सदस्य) ने मेरी बहुत मदद की.’
फाइनल के बारे में उन्होंने कहा, ‘पिछली बार (2003 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ) हम 358 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहे थे लेकिन आज हमने अच्छा क्षेत्ररक्षण किया और कई रन बचाये. हम चैंपियन की तरह खेले.’
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को उनकी नाबाद 91 रन की पारी के लिये मैन ऑफ द मैच चुना गया. भारत के इस जीत से 30 लाख डालर (लगभग 14 करोड़ रुपये) जबकि उप विजेता श्रीलंका को 15 लाख डालर मिले.