एम ए चिदंबरम स्टेडियम पर मैच शुरू होने से पहले ही समां बंध चुका था. दर्शक बड़ी तादाद में पहुंचे थे और स्वाभाविक था कि सभी की जुबां पर युवराज सिंह का नाम था जो कैंसर पर विजय पाने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर रहे थे. युवराज ने भी अपने समर्थकों को तनिक भी निराश नहीं किया और गेंदबाजी, क्षेत्ररक्षण तथा बल्लेबाजी तीनों में अच्छा प्रदर्शन किया.
युवराज को हालांकि इस बात की निराशा होगी कि खेल के तीनों विभागों में उम्दा प्रदर्शन के बावजूद वह टीम को जीत नहीं दिला सके जिसे रोमांचक मुकाबले में यहां दूसरे और अंतिम टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में एक रन से शिकस्त का सामना करना पड़ा.
युवराज एक बार फिर पुरानी लय में लौटते हुए दिख रहे हैं. उन्होंने 26 गेंद में एक चौके और दो छक्कों की मदद से 34 रन की पारी खेलने के अलावा एक कैच भी लपका. उन्होंने दो ओवर गेंदबाजी करते हुए 14 रन दिए और अपनी मजबूत वापसी से प्रतिद्वंद्वियों को चेता दिया कि वह एक बार फिर उनकी नींद उड़ाने के लिए तैयार हैं. युवराज ने इस दौरान अपने पुराने अंदाज में बल्लेबाजी की.
उन्होंने न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान और दिग्गज स्पिनर डेनियल विटोरी की गेंद पर वाइड लांग आन पर छक्का भी जड़ा. उन्होंने अपना दूसरा छक्का जेकब ओरम पर डीप मिडविकेट पर मारा.
वह हालांकि भाग्यशाल भी रहे जब एडम मिल्ने पर पुल शॉट खेलने की कोशिश में गेंद को हवा में लहरा गए लेकिन बाउंड्री से भागकर आ रहे मिल्स और विकेटकीपर मैकुलम काफी कोशिश के बावजूद कैच नहीं लपका गया. इस दौरान मिल्स और मैकुलम के बीच काफी तेज टक्कर भी हुई जिसके बाद कुछ देर खेल रुका रहा और मिल्स को चोटिल होकर बाहर जाना पड़ा.
दर्शकों के हाथों में बड़े-बड़े बैनर और तख्तियां थी जिन पर युवराज को वापसी की बधाई दी गयी थी. भारतीय टीम ने पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला किया और जब युवराज ने मैदान पर कदम रखा तो करतल ध्वनि से उनका स्वागत किया गया. बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने भी हाथ हिलाकर दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया. भारत ने शुरू में दो विकेट चटकाकर न्यूजीलैंड की हालत खस्ता कर दी थी.
इससे दर्शक अधिक रोमांचित हो गये लेकिन चेपक स्टेडियम शोर के आगोश में खासकर तब डूबा जब पहली बार युवराज के पास गेंद गयी. वह मिडिविकेट पर क्षेत्ररक्षण कर रहे थे और उन्होंने पहले ओवर में ही मार्टिन गुप्टिल के शॉट को रोकने में वही पुरानी फुर्ती और चपलता दिखायी.
भारत के चोटी के क्षेत्ररक्षकों में से एक युवराज ने तीसरे ओवर में केन विलियमसन के शॉट को डाइव मारकर रोका और साफ कर दिया कि उन्हें फिर से पुराने रंग में लौटने में कोई दिक्कत नहीं है.
युवराज के अगले ओवर में ब्रैंडन मैकुलम ने छक्का लगाया लेकिन इसके बाद उन्होंने इसी बल्लेबाज के करारे शॉट को कैच में तब्दील करने की पूरी कोशिश की. गेंद उनके हाथ से छिटककर चली गयी. युवराज इससे चोटिल हो गये और उन्हें मैदान पर उपचार लेना पड़ा.
दर्शक एकबारगी उनकी चोट से सन्न रह गये थे लेकिन जैसे ही वह ओवर की अंतिम गेंद करने के लिये आये तो फिर से स्टेडियम ‘युवी-युवी’ से गूंजने लगा. धोनी ने भी युवराज के इस प्रयास की सराहना की. युवराज ने अपने दो ओवर में 14 रन दिये। युवराज को इसके बाद मैदान छोड़ना पड़ा जिससे दर्शक भी मायूस हो गये.
युवराज की जगह क्षेत्ररक्षण करने के लिये उनके खास मित्र और एक साल से भी अधिक समय बाद टीम में वापसी कर रहे हरभजन सिंह मैदान पर उतरे. युवराज हालांकि अधिक देर तक बाहर नहीं रहे और जल्द ही मैदान पर लौट आये. इसके बाद उन्होंने कैच भी लपका और यह आसान नहीं था.
लगभग साढ़े तीन साल बाद भारतीय टीम में वापसी करने वाले लक्ष्मीपति बालाजी की गेंद को जेम्स फ्रैंकलिन ने हवा में लहरा दिया और युवराज ने कवर प्वाइंट पर दौड़कर उसे कैच कर दिया. दर्शक अपनी सीटों से खड़े हो गये. युवराज को बधाई देने के लिये सबसे पहले सुरेश रैना पहुंचे और बाद में कप्तान धोनी सहित बाकी खिलाड़ियों ने भी उन्हें घेर लिया.