मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल धार जिले का एक युवा बैडमिंटन खिलाड़ी आदित्य जोशी पिछले सप्ताह ही जूनियर वर्ग में दुनिया का नंबर एक खिलाड़ी बन गया. वर्ल्ड बैडमिंटन असोसिएशन (डब्लूबीए) ने आदित्य जोशी (17) निवासी धार को पिछले हफ्ते ही जूनियर बैडमिंटन वर्ग में अव्वल रैकिंग दी है.
ये खबर जैसे ही आदित्य के शहर में आई, उसके दोस्त, प्रशंसक आदि उसके माता-पिता को बधाई देने पहुंच गए. आदित्य अभी शहर में नहीं है लेकिन जल्द ही यहां आने वाला है. भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) के सूत्रों ने इस बारे में बताया कि इस साल नवंबर तक आदित्य की वर्ल्ड रैंकिंग में 11वीं थी, लेकिन उसके बाद उसने 18776 अंक प्राप्त कर सभी अन्य खिलाडि़यों को पीछे छोड़ दिया.
एसएआई के अधिकारियों का कहना है कि आदित्य द्वारा कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज करने व अंक अर्जित करने की वजह से उसे जूनियर श्रेणी में नंबर एक रैंकिंग अवार्ड किया गया है. उसने पांच साल की उम्र में साल 2001 से बैडमिंटन खेलना शुरू किया था और जल्द ही अपने उम्र से अधिक खिलाड़ियों को हराना शुरू कर दिया.
आदित्य के पिता अतुल जोशी धार में एसएआई के बैडमिंटन प्रशिक्षक हैं और खेल के दौरान ही उन्हें अपने पुत्र में संभावनाएं नजर आने लगी थीं. उसने भी अपने पिता को निराश नहीं किया और इसके छह साल बाद ही अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी जीत दर्ज करानी शुरू कर दी.
उसने साल 2011 में रूस में सम्पन्न हुई रेमनेस्को जूनियर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया और उसी साल जापान में हुई एशियन सब जूनियर चैम्पियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता.
आदित्य के प्रशिक्षक अमित कुलकर्णी, जो मध्य प्रदेश बैडमिंटन टीम के भी प्रशिक्षक हैं, ने कहा कि आदित्य को दुनिया का नंबर एक खिलाड़ी घोषित करने का निर्णय पिछले हफ्ते आया है, यह अपने देश के लिए भी गौरव की बात है, क्योंकि आदित्य भारत के लिए भी पहला दुनिया का नंबर एक खिलाड़ी बन गया है.
उन्हें भरोसा है कि आदित्य अब ओलंपिक और दुनिया की अन्य प्रतियोगिताओं में प्रदेश और देश का नाम रोशन करेगा. आदित्य के पिता अतुल जोशी ने कहा कि उन्हें और अन्य खिलाड़ियों को विश्वास है कि वह (आदित्य) ओलंपिक खेलों में अवश्य कुछ बेहतर कर दिखाएगा.