कटक में श्रीलंका के खिलाफ पहले वनडे में टीम इंडिया के दोनों ओपनर्स शिखर धवन और अजिंक्य रहाणे ने शानदार बैटिंग की, दोनों ने पहले विकेट के लिए 231 रनों की साझेदारी की. और तो और दोनों ने शतक भी लगाए. दोनों ओपनर्स सेंचुरी लगाकर रिकॉर्ड बुक से जुड़ गए. टीम इंडिया के लिए यह रिकॉर्ड इतना अहम इसलिए भी है कि वो अब तक 864 वनडे खेल चुकी है और एक ही मैच में दोनों ओपनर्स के सेंचुरी लगाने का यह केवल छठा मौका है. इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि वर्ल्ड क्रिकेट में अब तक कुल 3539 वनडे खेले जा चुके हैं और ऐसा केवल 28वीं बार हुआ है. यानी भारत के अलावा केवल 22 बार यह रिकॉर्ड बनाया जा सका.
एक तरीके से देखा जाए तो भारतीय दर्शकों को करीब 11 साल बाद देखने को मिली ऐसी बैटिंग क्योंकि वनडे में टीम इंडिया के दोनों ओपनर्स के एक साथ एक ही मैच में सेंचुरी लगाए 11 साल हो गए हैं. तब सचिन और सहवाग ने न्यूजीलैंड के खिलाफ यह कारनामा किया था.
इन दोनों की बैटिंग ने सचिन, सहवाग और गांगुली के दौर की याद दिला दी. यह वो दौर था जब वनडे क्रिकेट में बार-बार 300 रनों से ऊपर का स्कोर बनने का सिलसिला शुरू हुआ था. वह ऐसा दौर था जब लगने लगा था कि गांगुली, सहवाग, सचिन, युवराज और द्रविड़ जैसे बल्लेबाजों से अटी टीम 300 रनों से कम भला क्या बनाएगी.
धवन ने जब अपने पहले मैच में ही शानदार सेंचुरी लगाई थी तो लगा था कि सहवाग की कमी नहीं खलेगी. लेकिन पिछले एक साल से उनका बल्ला सेंचुरी को तरस रहा था. कटक में उन्होंने अपने करियर का छठा शतक लगाकर जहां अपने बल्ले की भूख मिटाई, वहीं टीम इंडिया के लिए वर्ल्ड कप के ओपनर के रूप में एक और कदम आगे भी बढ़ाया.
उधर लॉर्ड्स में शतक के बाद जिस रहाणे को टेस्ट का बैट्समैन कहा जा रहा था उसने कटक में सेंचुरी से सिर्फ पांच मैच पहले एजबेस्टन में भी शतक लगाया था और इस मैच में उनका स्ट्राइक रेट (102.77) भी शानदार रहा. कुल मिलाकर वो अब वनडे फॉर्मेट में फिट ही नहीं बल्कि ओपनिंग के लिए सॉलिड ऑप्शन बन गए हैं. इस बैटिंग परफॉर्मेंस के बाद निश्चित ही चयनकर्ता उन्हें वर्ल्ड कप के ओपनर के रूप में आप्शन के रूप में देखने लगे होंगे.
वर्ल्ड कप अगले साल फरवरी-मार्च में खेला जाना है ऐसे में शिखर धवन और रहाणे की बल्लेबाजी देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि सचिन, सहवाग और गांगुली के बाद ये दोनों सबसे बेहतरीन ओपनिंग जोड़ीदार बनकर उभरे हैं.
इनमें है क्रिकेट की अच्छी समझ
मैच के दौरान एक ऐसा वाक्या आया कि सुनील गावस्कर जैसे दिग्गज भी रहाणे की सराहना करने से नहीं चूके. मैच के दौरान अंबाती रायुडू ने जब स्ट्रेट ड्राइव लगाया और गेंद बॉलर के हाथों से लगकर नॉन स्ट्राइकर ऐंन्ड पर विकेट से जा लगी तो अजिंक्य रहाणे पर आउट होने का खतरा मंडराया. लेकिन यहां उन्होंने बल्ला अपने दायें हाथ में पकड़ रखा था और उसे घसीटते हुए क्रीज में ले गए जिससे वो बाल बाल बच गए. कमेंट्री कर रहे दिग्गज सुनील गावस्कर ने तब उनकी तारीफ करते हुए कहा कि नए बल्लेबाजों को यह सीखना चाहिए कि नॉन स्ट्राइकर ऐन्ड पर खड़े बल्लेबाज के किस हाथ में बल्ला होना चाहिए.
ओपनर्स का रन बनना अच्छा संकेत
शिखर धवन और अजिंक्य रहाणे के शतक को जहां क्रिकेट के दिग्गज अच्छा संकेत मान रहे हैं वहीं धवन ने भी कहा है कि टॉप ऑर्डर के बैट्समैन अच्छे फार्म में हैं और शतक बनाने के बाद उनका भी अपने ऊपर भरोसा बढ़ा है. धवन ने इस पारी में 113 रन बनाए जबकि मैन ऑफ द मैच रहे अजिंक्य रहाणे ने 111 रन बनाए.
धवन ने कहा, ‘मजबूत बुनियाद के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है.’ उन्होंने कहा, ‘जब आप इस तरह खेलते हैं तो आपका अपने ऊपर भरोसा बढ़ता है और इस तरह की भागीदारी में शामिल होते हैं तो अच्छा लगता है.’