इस बात से तो सभी क्रिकेट प्रशंसक वाकिफ हैं कि रन बनाने के लगभग सारे रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी. लेकिन वकार युनूस और वसीम अकरम जैसे खतरनाक तेज गेंदबाजों से सजी पाकिस्तानी टीम के खिलाफ 1989 में टेस्ट क्रिकेट में कदम रखने पर वे इतने डरे हुए थे कि उन्हें इस स्तर पर खेलने की अपनी काबिलियत पर शक होने लगा था.
हाल ही में जारी अपनी आत्मकथा ‘प्लेइंग इट माय वे’ में तेंदुलकर ने खुलासा किया कि उनकी पहली टेस्ट पारी उनके लिए किस कदर कठिन गुजरी थी. उन्होंने अपनी किताब में लिखा, ‘वह अग्निपरीक्षा से कम नहीं था. टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहली पारी में मैं वसीम और वकार के सामने था और मुझे बल्लेबाजी की अपनी क्षमता पर शक होने लगा और मेरे भीतर यह सवाल उठने लगा कि क्या मैं कभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा खेल सकूंगा.’
उन्होंने आगे लिखा, ‘मेरा पदार्पण इसलिए और भी खास हो गया था, क्योंकि हम पाकिस्तान के खिलाफ पाकिस्तान में खेल रहे थे और उनके पास इमरान खान, वसीम अकरम, वकार युनूस, आकिब जावेद जैसे तेज गेंदबाज थे जबकि मुश्ताक अहमद और अब्दुल कादिर जैसे स्पिनर भी थे.’ अपने पहले दौरे के बारे में तेंदुलकर ने बताया कि कैसे आक्रामक वसीम ने उनका टेस्ट क्रिकेट में इस्तकबाल किया था.
उन्होंने कहा, ‘मैं ओवर की तीसरी गेंद पर उनके सामने स्ट्राइक पर था और वह गेंद उन्होंने बाउंसर फेंकी. वसीम की गेंदबाजी को समझने के कारण मुझे पता था कि अगली गेंद यार्कर होगी और मैं मानसिक रूप से उसके लिए तैयार था.’ तेंदुलकर ने लिखा, वसीम ने फिर बाउंसर फेंका जो मैंने छोड़ दिया. मैं यार्कर का इंतजार कर रहा था, लेकिन पांचवीं और छठी गेंद भी बाउंसर निकली. उस ओवर के आखिर में मैंने खुद से कहा, टेस्ट क्रिकेट में तुम्हारा स्वागत है. चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के दबावों से वाकिफ तेंदुलकर ने बताया कि सियालकोट में चौथे टेस्ट में कैसे वकार की गेंद पर वह लहूलुहान हो गए थे.
उन्होंने कहा, मैंने अपना पहला रन बनाया था, जब वकार ने एक शॉर्ट गेंद फेंकी जो मुझे लगा था कि ठोढी तक जाएगी. मैं गेंद के उछाल को भांप नहीं सका और वह छह इंच अधिक उंची उठी और मेरे हेलमेट के फ्लैप पर जा लगी. मेरी नाक पर वह गेंद जा लगी. तेंदुलकर ने कहा, मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था और मेरा सिर भारी हो गया. उसके बाद गेंद स्लिप में गई और मैं देखने लगा कि गेंद कहां गई है. उसी समय मैंने अपनी कमीज पर खून देखा. उन्होंने कहा, मैं उस झटके से उबरने की कोशिश कर रहा था कि जावेद मियांदाद की टिप्पणियों पर हैरान रह गया. वह कह रहे थे ‘अरे तुझे तो अभी अस्पताल जाना पड़ेगा, तेरा नाक टूट गया है.’ दीर्घाओं में एक बैनर पर लिखा था, बच्चे घर जाकर दूध पीके आ जिससे मेरी बेचैनी और बढ़ गई.
तेंदुलकर ने एक और वाकये का जिक्र किया जब कराची टेस्ट में 16 साल का यह लड़का न सिर्फ डर गया था बल्कि भारत- पाकिस्तान मैच से जुड़े जज्बात का भी उसे इल्म हुआ. उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मेरा पहला दिन नाटकीयता से भरा था और एक वाक्या तो काफी खराब रहा. लंच के बाद सलवार कमीज पहने एक दाढ़ी वाला व्यक्ति मैदान में घुस गया और पाकिस्तान आने के लिए कपिल देव को अपशब्द कहने लगा. उन्होंने कहा, कपिल के बाद वह मिडऑफ में मनोज प्रभाकर के पास गया. प्रभाकर को अपशब्द कहने के बाद वह कप्तान श्रीकांत के पास गया और हाथापाई करने लगा. उन्होंने कहा, मैं प्वाइंट पर फील्डिंग कर रहा था और मैं डर गया कि अगला नंबर मेरा होगा और मैं ड्रेसिंग रूम की तरफ भागने को तैयार था. हकीकत यह है कि दोनों देशों के बीच क्रिकेट मैच से भी अधिक कुछ खेला जा रहा था.
- इनपुट भाषा से