टेस्ट श्रृंखला में करारी शिकस्त का सामना करने वाली टीम इंडिया सोमवार से इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हो रही पांच वनडे मैचों की श्रृंखला में नई शुरुआत करने और खोई प्रतिष्ठा वापस हासिल करने के इरादे से उतरेगी.
एक तरफ टीम इंडिया टेस्ट श्रृंखला में 1-3 की हार के बाद नई शुरुआत करने और पुरानी प्रतिष्ठा वापस हासिल करने उतरेगी. वहीं, दूसरी तरफ उसे अगले साल होने वाले विश्व कप को देखते हुए टीम के संतुलन पर भी ध्यान देना होगा.
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की मेजबानी में होने वाला विश्व कप अब सिर्फ छह महीने दूर है और भारतीय टीम अब से जो भी वनडे खेलेगी वह 2011 में जीते खिताब की रक्षा की तैयारी मे उठाया गया कदम होगा. टीम इंडिया के पास विश्व कप से पहले तीन वनडे श्रृंखलाओं में अपने खिलाड़ियों को परखने का मौका है.
इन तीन सीरीजों में इंग्लैड के खिलाफ, स्वदेश में वेस्टइंडीज के खिलाफ और ऑस्ट्रेलिया में त्रिकोणीय श्रृंखला होगी. भारतीय चयनकर्ताओं ने पहले ही टीम का खाका तैयार कर लिया है और 17 सदस्यीय टीम उनके विचारों की झलक है.
संजू सैमसन और कर्ण शर्मा की टीम में मौजूदगी दर्शाती है कि टीम में एक अतिरिक्त विकेटकीपर बल्लेबाज और संभावित तीसरे स्पिनर गेंदबाज और ऑलराउंडर को शामिल करने पर विचार चल रहा है. हालांकि अब भी यह सवालिया निशान है कि पांच मैचों की मौजूदा वनडे श्रृंखला में इन दोनों युवाओं को कितने मौके मिलते हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि टीम में फिलहाल मध्यक्रम और स्पिन आलराउंडर के काफी दावेदार हैं.
अंतिम एकादश में रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा दो स्पिन विकल्पों को पूरा करते हैं. न्यूजीलैंड में इस साल की शुरूआत में हैमिल्टन में चौथे वनडे में स्टुअर्ट बिन्नी को विकल्प के तौर पर उतारा गया था और बांग्लादेश में उनका प्रदर्शन दर्शाता है कि वह स्विंग के अनुकूल हालात में अंतिम एकादश में जगह बनाने के दावेदार रहेंगे.
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हालांकि चार तेज गेंदबाजों को उतारने को लेकर शंका में हैं क्योंकि इससे ओवर गति पर असर पड़ेगा. यह देखना रोचक होगा कि ब्रिस्टल के हालात को नजरअंदाज करते हुए क्या धोनी दो स्पिनरों के साथ उतरते हैं क्योंकि शुक्रवार को मिडिलसेक्स के खिलाफ अभ्यास मैच में उन्होंने बिन्नी से गेंदबाजी नहीं कराई थी.
भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी ने अभ्यास मैच में छोटे स्पेल में गेंदबाजी की, जो दर्शाता है कि टीम प्रबंधन उन्हें वनडे अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए तरोताजा रखना चाहता है. ये दोनों तेज गेंदबाजी आक्रमण में पहली पसंद हैं लेकिन तीसरे गेंदबाज का विकल्प खुला हुआ है. यह बिन्नी सहित उमेश यादव, मोहित शर्मा और धवल कुलकर्णी में से कोई भी हो सकता है.
भारतीय टीम पांच गेंदबाजों के साथ नहीं उतरना चाहेगी क्योंकि ऐसी स्थिति में बल्लेबाजी पर असर पड़ेगा और टीम में धोनी सहित सिर्फ छह बल्लेबाज रह जाएंगे. साथ ही भारतीय टीम को पिछले दो विदेशी दौरे पर दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड में बड़े लक्ष्यों का सामना करना पड़ा है.
इन दोनों दौरों पर सात मौकों पर टीम इंडिया को लक्ष्य का पीछा करना पड़ा, जिसमें पांच बार टीम नाकाम रही जबकि आकलैंड में एक मैच टाई रहा और एक मैच बारिश की भेंट चढ़ गया.
बड़े स्कोर का पीछा करते हुए सलामी जोड़ी पर दबाव रहता है और शिखर धवन और रोहित शर्मा की सलामी जोड़ी ने इन दो दौरों पर छह वनडे में टीम इंडिया के लिए पहले विकेट के लिए 14, 10, 15, 22, 64 और आठ रन की साझेदारी की.
न्यूजीलैंड श्रृंखला में हालांकि विराट कोहली और धोनी ने कुछ मौकों पर अच्छी पारियां खेली. युवराज सिंह को न्यूजीलैंड दौरे पर टीम में शामिल नहीं किया गया, जबकि अजिंक्य रहाणे ने सात, 36, तीन, तीन और दो रन की पारियां खेली.
सुरेश रैना को अंतिम एकादश से बाहर किए जाने के बाद अंबाती रायुडू को दो मौके मिले और उन्होंने 37 और 20 रन बनाए. टीम को अब रहाणे, रायुडू और रैना की तिकड़ी से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी.
मिडिलसेक्स के खिलाफ अभ्यास मैच में टीम इंडिया ने 11 बल्लेबाजों को आजमाया और रैना अंतिम बल्लेबाज के रूप में उतरे. टीम इंडिया इस मैच में ऑल आउट हो गई. लेकिन रायुडू ने 72 रन की पारी खेली, जबकि कोहली ने भी अर्धशतक बनाया.
इंग्लैंड के लिए यह वनडे श्रृंखला, टेस्ट श्रृंखला के समान होगी जहां भारत से पहले उन्हें श्रीलंका के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा था जबकि धोनी की टीम के खिलाफ उन्होंने पासा पलट दिया.
विश्व कप को देखते हुए इंग्लैंड ने अपनी टीम में कुछ बदलाव किए है. रवि बोपारा को टीम से बाहर कर दिया गया है जबकि टिम ब्रेसनेन और माइकल कारबेरी को भी मौका नहीं दिया गया है. स्टीवन फिन को स्टुअर्ट ब्राड की जगह टीम में रखा गया है जो घुटने का आपरेशन कराएंगे.