भारत में मुक्केबाजी को करारा झटका देते हुए अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ ने आईएबीएफ को हाल ही में हुए चुनाव में ‘धांधली’ के आरोपों में निलंबित कर दिया है. आईएबीएफ ने हालांकि आरोप का खंडन करते हुए कहा कि चुनाव पारदर्शी तरीके से हुए. इसी सप्ताह अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने भी भारतीय ओलंपिक संघ को निलंबित कर दिया था.
एआईबीए ने एक बयान में कहा कि भारतीय ओलंपिक संघ पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा लगाये गए निलंबन के बाद अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ की कार्यकारी समिति ने शुक्रवार को तय किया कि भारतीय मुक्केबाजी महासंघ को भी अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया जाये.
इसमें कहा गया कि यह अस्थायी निलंबन इसलिये भी है क्योंकि एआईबीए को पता चला है कि आईएबीएफ के हालिया चुनाव में धांधली हुई है. इसमें कहा गया कि एआईबीए अब चुनाव की जांच करेगा. आईओए अध्यक्ष और आईएबीएफ के पूर्व अध्यक्ष तथा आईएबीएफ चुनाव के बीच राजनीतिक सांठगांठ की भी जांच की जायेगी.
सितंबर में हुए चुनाव में निवृतमान अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला को मनोनीत अध्यक्ष के रूप में संगठन में रखा गया है. चौटाला आईओसी के निलंबन के बावजूद हुए आईओए चुनाव में अध्यक्ष चुने गए हैं.
इस घटनाक्रम से आईओए अध्यक्ष के रूप में चौटाला के चुनाव पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है क्योंकि वह आईएबीएफ प्रतिनिधि के रूप में चुनावी मैदान में उतरे थे. उनके करीबी रिश्तेदार और राजस्थान से भाजपा विधायक अभिषेक मटोरिया को आईएबीएफ का नया अध्यक्ष बनाया गया है. इस निलंबन से स्तब्ध मटोरिया ने कहा कि एआईबीए को चुनावी प्रक्रिया का पूरा ब्यौरा दिया गया था.
उन्होंने कहा कि एआईबीए को पूरी चुनावी प्रक्रिया की जानकारी थी. हमने उन्हें बताया था कि कोई धांधली नहीं हुई है. जो चुने गए हैं, उनका चुनाव सर्वसम्मति से हुआ है. उन्होंने कहा कि यह अस्थायी निलंबन है और मुझे यकीन है कि इसे जल्दी वापिस ले लिया जायेगा. जरूरत पड़ी तो मैं निजी तौर पर लुसाने में एआईबीए अधिकारियों से मिलूंगा.
मटोरिया ने कहा कि हमारे मुक्केबाजों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि एआईबीए का कोई बड़ा टूर्नामेंट फिलहाल नहीं होना है. एआईबीए का अगला टूर्नामेंट जूनियर विश्व चैम्पियनशिप अगले साल अगस्त में है जिसके बाद अक्तूबर में सीनियर विश्व चैम्पियनशिप है.
आईएबीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हालांकि कहा कि नये सिरे से चुनाव कराये जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि देखते हैं, हो सकता है कि एआईबीए पर्यवेक्षक की मौजूदगी में नये सिरे से चुनाव हों.
इस बीच एआईबीए के इस फैसले से मुक्केबाज हैरान हैं. बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता विजेंदर सिंह ने कहा कि भारतीय मुक्केबाजी के लिये यह दुखद दिन है और मुझे समझ में नहीं आ रहा कि ऐसा कैसे हुआ. मुझे समझ में नहीं आ रहा कि एआईबीए को यह मसला स्पष्ट क्यो नहीं किया गया. उन्होंने उम्मीद जताई कि मामला जल्दी सुलझ जायेगा.