अखिल भारतीय टेनिस महासंघ (एआईटीए) के खिलाफ खिलाड़ियों की बगावत की अगुआई कर रहे भारत के स्टार टेनिस खिलाड़ी सोमदेव देववर्मन ने शनिवार को एआईटीए पर निशाना साधते बागी गुट की अनदेखी करने के लिए उसे ‘गैरपेशेवर’ और ‘अनैतिक’ करार दिया.
एआईटीए ने शुक्रवार को अनुभवी महेश भूपति और रोहन बोपन्ना सहित आठ बागी खिलाड़ियों की अनदेखी करते हुए एक से तीन फरवरी तक दक्षिण कोरिया के खिलाफ होने वाले एशिया-ओसियाना समूह एक डेविस कप मुकाबले के लिए दूसरे दर्जे की टीम चुनी.
विद्रोही खिलाड़ियों ने खुद को इस मुकाबले के लिए अनुपलब्ध रखा था जिससे एआईटीए को कमजोर टीम चुनने को बाध्य होना पड़ा. सोमदेव ने कहा, ‘एआईटीए ने पिछले हफ्ते जो किया वह गैरपेशेवर और अनैतिक है. खिलाड़ी निराश हैं.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि एआईटीए ने काफी दावे किए लेकिन सचाई यह है कि हमें कुछ भी लिखित में नहीं मिला. खिलाड़ी यही मांग कर रहे थे, हम यह लिखित में चाहते थे क्योंकि एआईटीए के इतिहास को देखते हुए सिर्फ भरोसे पर उनकी बात मानना बेवकूफाना होता.’
सोमदेव ने कहा, ‘कुछ भी लिखित में नहीं मिला, मैं आपको इसकी गारंटी दे सकता हूं. हमें अंतिम ईमेल छह जनवरी को मिला था और उसमें ऐसा कुछ नहीं था जैसा उन्होंने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति में कहा. यह दर्शाता है कि वे कैसे महासंघ हैं.’
इस स्टार टेनिस खिलाड़ी ने कहा कि खिलाड़ियों ने सिर्फ आधारभूत अधिकारों की मांग की थी और चाहते थे कि एआईटीए पेशेवर रुख अपनाए. उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ी चाहते थे कि जो भी हो रहा है उसकी जानकारी उन्हें भी हो. हमने कुछ चिंताएं जताई थी और चाहते थे कि इससे पेशेवर तरीके से निपटा जाए.’
सोमदेव ने कहा कि अगर एआईटीए सब कुछ लिखित में दे देता तो खिलाड़ी खुशी से डेविस कप मुकाबले में खेलने को राजी हो जाते. उन्होंने कहा, ‘अगर हमें लिखित में दिया जाता, अगर चीजों से पेशेवर तरीके से निपटा जाता तो शत प्रतिशत हम खेलते. सभी खिलाड़ी खुद को उपलब्ध रखते, अगर पेशेवर तरीके से काम किया जाता तो. लेकिन चयन समिति ने हमें लिखित में कुछ नहीं दिया.’