इंग्लैंड के कोच पीटर मूर्स कप्तान एलिस्टर कुक के टीम की अगुवाई करने के तरीके से काफी प्रभावित हैं, जिससे टीम लंबे समय की गिरावट के बाद वापसी कर सकी. उन्होंने कप्तान के लचीलेपन की तारीफ की.
मूर्स ने पत्रकारों से कहा, ‘वह उन व्यक्तित्वों में से एक है जिसकी जितनी आलोचना की जाये, वह उतना ही प्रतिबद्ध बन जाता है.’ उन्होंने कहा, ‘वह फौलाद की तरह बनता जा रहा है. वह खुले तौर पर स्वीकार करेगा कि उसने सचमुच कठिन सफर तय किया है.’ दो हफ्ते पहले लार्डस में इंग्लैंड को मिली हार के बाद कुक की टीम 10 टेस्ट में एक भी जीत दर्ज नहीं कर पायी थी जिसमें सात हार शामिल थी.
कुक ने इसके बाद स्वीकार किया था कि बतौर इंग्लैंड के कप्तान वह दबाव में थे. मूर्स ने कहा, ‘महत्वपूर्ण चीज तब आयी जब उसने साफ किया कि वह दबाव में था. उसने स्पष्ट किया कि वह अपना काम करना चाहता था. अगर अन्य लोग उसे नहीं चाहते थे तो भी ठीक था, वह आगे बढ़ जायेगा. लेकिन उसने सार्वजनिक तौर पर इंग्लैंड की कप्तानी करने की इच्छा जाहिर की. उसने कहा कि उसे जो हासिल हुआ है, उसके लिये वह कुछ भी करेगा और उसका रवैया अब भी उसी तरह का है.’
इंग्लैंड के कुछ पूर्व कप्तानों ने कुक को इस्तीफा देने की बात कही थी और कुछेक ने यहां तक सुझाव दे डाला था कि इस सलामी बल्लेबाज को लगातार कम स्कोर बनाने के कारण खेल से ब्रेक ले लेना चाहिए. दो अर्धशतकों से हालांकि कुक ने साउथम्पटन में तीसरे टेस्ट से फार्म में वापसी की जिसमें इंग्लैंड ने 266 रन से जीत दर्ज की. इस टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने 95 रन बनाये थे, इस दौरान उन्हें 15 रन पर जीवनदान मिला था.
इससे उनके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हुई और इंग्लैंड ने ओल्ड ट्रैफर्ड में चौथे टेस्ट में भारत को तीन दिन के भीतर ही पारी और 54 रन से पराजित कर पांच मैचों की श्रृंखला में 2-1 से बढ़त हासिल कर ली जिसका अंतिम मैच ओवल में अगले हफ्ते खेला जायेगा.
मूर्स ने कप्तान कुक के बारे में कहा, ‘वह कप्तान रणनीतिज्ञ के तौर पर तेजी से विकास कर रहा है और वह टीम की अगुवाई अच्छी तरह कर सकता है.’ उन्होंने कहा, ‘हमने कई युवा खिलाड़ियों को भी अच्छा करते हुए देखा है लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि सीनियर खिलाड़ियों ने पिछले दो मैचों में सचमुच बेहतरीन प्रदर्शन किया है.’ मूर्स ने कहा, ‘हमने दो टेस्ट जीत लिये हैं लेकिन हमें सतर्क होना होगा कि हम आत्ममुग्ध नहीं हो जायें.’