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एशियाड: फवाद ने रचा इतिहास, घुड़सवारी में दिलाए 2 सिल्वर मेडल

18वें एशियाई खेलों के आठवें दिन भारत के पदक की शुरुआत दो सिल्वर मेडल के साथ हुई. यह दोनों पदक घुड़सवारी में मिले. व्यक्तिगत और टीम इवेंट में भारत ने पदक जीते.

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भारत का घुड़सवारी दल
भारत का घुड़सवारी दल

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भारत को आठवें दिन घुड़सवारी स्पर्धा में दो रजत पदक हासिल हुए. भारत को घुड़सवारी की एकल स्पर्धा में पहला रजत पदक फवाद मिर्जा ने दिलाया, वहीं दूसरा रजत टीम स्पर्धा में हासिल हुआ है. मिर्जा ने सेनोर मेडिकोट नाम के घोड़े के साथ फाइनल में 26.40 सेकेंड में अपनी स्पर्धा को पूरा कर दूसरा स्थान प्राप्त किया और रजत पर कब्जा जमाया.

दरअसल, फवाद मिर्जा ने रजत पदक जीतकर एशियाई खेलों की घुड़सवारी प्रतियोगिता में पिछले 36 वर्षों से व्यक्तिगत पदक पाने वाला पहला भारतीय बनने का गौरव हासिल किया. जबकि उनके प्रयासों से टीम भी दूसरा स्थान हासिल करने में सफल रही.

पांच साल की उम्र से घुड़सवारी सीख रहे मिर्जा ने 2014 में हुए एशियाई खेलों में इसी स्पर्धा में 10वां स्थान हासिल किया था. ऐसे में यह एशियाई खेलों का उनका पहला पदक है. इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक जापान के योशियाकी ओइवा ने जीता. उन्होंने 22.70 सेकेंड का समय लिया. चीन के एलेक्स हुआ ने 27.10 सेकेंड का समय लेकर कांस्य पदक जीता.

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इसके अलावा, टीम स्पर्धा में भी भारत ने दूसरा स्थान हासिल कर रजत पदक ही जीता. राकेश कुमार, आशीष मलिक, जीतेंद्र सिंह और मिर्जा की टीम ने 121.30 सेकेंड के साथ रजत पदक जीता. इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक भी जापान ने ही जीता. जापान की टीम ने 82.40 सेकेंड का समय लिया. थाईलैंड ने 126.70 सेकेंड का समय लेकर कांस्य पर कब्जा जमाया.

भारत ने इससे पहले तक एशियाई खेलों की घुड़सवारी में तीन स्वर्ण सहित दस पदक जीते थे. लेकिन इस खेल में भारत की तरफ से मिर्जा से पहले आखिरी व्यक्तिगत पदक 1982 में दिल्ली एशियाई खेलों में जीते गये थे. तब रघुवीर सिंह ने स्वर्ण पदक जीता था, जबकि भारत के गुलाम मोहम्मद खान ने रजत और प्रहलाद सिंह ने कांस्य पदक हासिल किया था.

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