18वें एशियाई खेलों के छठे दिन भारत की शुरुआत शानदार रही. रोइंग में भारत को एक गोल्ड और दो ब्रॉन्ज मेडल मिले. दत्तू भोकानल, ओम प्रकाश, स्वर्ण सिंह और सुखमीत सिंह ने रोइंग के क्वाडरपल स्कल्स में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया. इसके अलावा दुष्यंत ने पुरुषों की लाइटवेट एकल स्कल्स स्पर्धा के फाइनल में तीसरा स्थान हासिल कर कांस्य पदक जीता. फिर पुरुषों की लाइटवेट डबल्स स्कल्स स्पर्धा में रोहित कुमार और भगवान सिंह ने भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया.
एशियाई खेलों में भारत को रोइंग में 8 साल बाद गोल्ड मेडल मिला है. इससे पहले 2010 के ग्वांग्झू एशियाई खेलों में भारत को मेंस सिंगल स्कल्स में बजरंग लाल ताखर ने गोल्ड मेडल दिलाया था.
What a great start to the day!
Our men’s #Rowing quadruple sculls team grabbed a GOLD!
With a timing of 6:17.13,it was amazing to see them win.
AdvertisementCongratulations to Sawarn Singh,Dattu Bhokanal,Om Prakash & Sukhmeet Singh.
Great show!Super proud!🥇#AsianGames2018 #KheloIndia🇮🇳 pic.twitter.com/q9Q0UZhb01
— SAIMedia (@Media_SAI) August 24, 2018
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पिछले एशियन गेम्स की तुलना में भारत का यह बेहतरीन प्रदर्शन है. 2014 इंचियोन एशियाड में भारत को तीन ब्रॉन्ज मेडल हासिल हुए थे. इस बार 2018 के जकार्ता - पालेमबांग गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन को सुधारते हुए एक गोल्ड और दो ब्रॉन्ज मेडल झटके. फाइनल मुकाबले में भारतीय खिलाड़ियों ने दमदार खेल दिखाया. क्वाडरपल स्कल्स के गोल्ड मेडल मुकाबले में दत्तू भोकानल, ओम प्रकाश, स्वर्ण सिंह और सुखमीत सिंह ने फाइनल में 6 मिनट और 17.13 सेकेंड का समय लेकर पहला स्थान हासिल किया.
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दुष्यंत के हौसले को सलाम
छठे दिन भारत पदक से भारत का खाता दुष्यंत ने खोला फाइनल में उन्होंने में 7 मिनट और 18.76 सेकेंड का समय लगाते हुए कांस्य पदक हासिल किया. दुष्यंत ने 2014 में भी एशियाई खेलों में इसी स्पर्धा में भारत को कांस्य पदक दिलाया था. हालांकि इस बार उनका समय पिछले एशियाई खेलों से बेहतर है. उन्होंने इंचियोन में 2014 में हुए एशियाई खेलों में इस स्पर्धा को 7 मिनट और 26.27 सेकेंड में पूरा किया था.
रोहित और भगवान का दमदार प्रदर्शन
दूसरा ब्रॉन्ज मेडल भारत को रोहित कुमार और भगवान सिंह की जोड़ी ने डबल्स स्कल्स स्पर्धा में दिलाया. रोहित और भगवान ने 7 मिनट और 04.61 सेकेंड का समय लेकर स्पर्धा का फाइनल चरण पूरा किया और तीसरे स्थान पर रहकर कांस्य पदक पर कब्जा जमाया.