दो बार की चैंपियन भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 17वें एशियाई खेलों में मंगलवार को मेजबान दक्षिण कोरिया को 1-0 से हराकर 12 साल बाद टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश किया. भारतीय टीम अब गुरुवार को अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से फाइनल मुकाबले में गोल्ड मेडल के लिए भिड़ेगी.
पाकिस्तान ने मंगलवार को ही हुए दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में मलेशिया को हराया. हालांकि उन्हें मलेशिया से कड़ी टक्कर मिली.निर्धारित समय तक कोई गोल न होने के बाद पेनाल्टी शूटआउट का सहारा लेना पड़ा, जिसमें पाकिस्तान ने 6-5 से जीत दर्ज की.
भारत और आठ बार की चैंपियन पाकिस्तान के बीच यह मुकाबला सिर्फ एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक हासिल करने के लिए नहीं होगा, बल्कि इसके जरिए वे रियो ओलम्पिक में सीधे प्रवेश करना चाहेंगे.
एशियाई खेलों में भारत और पाकिस्तान आठ बार आमने-सामने आ चुके हैं, जिसमें भारत को सिर्फ एक बार जीत मिली है. भारतीय टीम को यह जीत बैंकॉक में 1966 में हुए एशियाई खेलों में मिली थी.
मंगलवार को भारत की ओर से एकमात्र गोल तीसरे क्वार्टर में आकाशदीप सिंह ने किया. आकाशदीप ने मैच के 44वें मिनट में शानदार फील्ड गोल कर भारत को अहम बढ़त दिलाई, जो जीत में निर्णायक साबित हुई.
भारत पिछली बार 2002 में एशियाई खेलों के फाइनल में प्रवेश करने में सफल रहा था, और तब उन्हें दक्षिण कोरिया के हाथों हार मिली थी. भारत एशियाई खेलों में आखिरी बार 1998 में स्वर्ण पदक जीत सका था.
सेमीफाइनल मुकाबले में भारत और दक्षिण कोरिया के बीच बेहद कांटे का मुकाबला हुआ. भारत ने हालांकि सही समय पर अपने प्रदर्शन में सुधार करते हुए कई बेहतरीन हमले किए.
भारतीय खिलाड़ियों ने जहां कुल सात हमले किए, वहीं दक्षिण कोरियाई टीम भारत के गोलपोस्ट पर सिर्फ एक हमला कर सकी. तीसरे क्वार्टर में बढ़त मिलने के बाद भारत अपनी बढ़त को बनाए रखने के प्रति कहीं दृढ़ दिखा और मैच के आखिरी 15 मिनट में तो मैदान पर वे पूरी तरह हावी रहे.
दक्षिण कोरिया मैच समाप्त होने से दो मिनट पहले पेनाल्टी कॉर्नर पाने में सफल रहा, लेकिन भारतीय गोलकीपर पी. आर. श्रीजेश ने बेहतरीन बचाव किया. भारत के मुख्य कोच टेरी वॉल्श ने कहा कि वह टीम के प्रदर्शन से बेहद खुश हैं.