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भारतीय कोच की सीख ने बनाया ईरानी महिला कबड्डी टीम को नंबर वन

ईरान की महिला कबड्डी टीम के गोल्ड मेडल के पीछे भारतीय कोच शैलजा जैन हैं. शैलजा की देखरेख और कड़ी ट्रेनिंग की वजह से  ईरान की महिला टीम ने गोल्ड मेडल जीता.

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ईरान की महिला कबड्डी टीम ने जीता गोल्ड मेडल
ईरान की महिला कबड्डी टीम ने जीता गोल्ड मेडल

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18वें एशियाई खेलों में भारत की पुरुष और महिला कबड्डी टीम को ईरान के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी. जिसके चलते एशियाई खेलों में कबड्डी में भारत की बादशाहत खत्म हुई. महिला टीम को सिल्वर मेडल मिला और पुरुष टीम को ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा. भारत की कबड्डी टीमों के इस प्रदर्शन को लेकर सवाल खड़े हुए हैं. आखिर कहां कमी रह गई, जिसके चलते पहली बार कबड्डी में खराब नतीजे आए.

कबड्डी में हार के पीछे तरह-तरह की खामियां सामने आ रही हैं. इसे कबड्डी फेडरेशन में चल रही 'राजनीति' से भी जोड़ा कर देखा जा रहा है. कोई इसे भारतीय खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन को जिम्मेदार मान रहा है. भारत टीम की पूर्व महिला खिलाड़ी शैलजा जैन ने 2008 में भारतीय महिला टीम की कोच बनने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें बनने दिया गया था.

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शैलजा जैन की कड़ी ट्रेनिंग से जीती ईरान की महिला टीम

2017 में ईरान की तरफ से शैलजा को ईरान की महिला टीम के कोच बनने का प्रस्ताव मिला था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. शैलजा ने ईरान की टीम को जबरदस्त ट्रेनिंग दी. अब नतीजा सबके सामने है. ईरान महिला टीम को तैयार करने के लिए शैलजा ने  खिलाड़ियों को योग और प्राणायाम सिखाए और साथ ही सांस लेने की कुछ क्रियाएं भी सिखाईं.

शैलजा ने खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देने के लिए सीखी फारसी

इसके अलावा ईरान टीम को ट्रेनिंग देने के लिए शैलजा ने फारसी सीखी. सख्त इस्लामिक नियमों के कराण उन्हें अपने काम पर कई तरह की चुनौतियां भी आईं, लेकिन उन्होेंने अपने फोकस को बनाए रखा. आखिरकार ईरानी महिलाओं ने भारतीय महिला टीम की बादशाहत को खत्म कर दिया.

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