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अहम दौरों से पहले टीम से बाहर कर दिया जाता है मुझेः ईशांत शर्मा

टीम इंडिया के तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ मौजूदा दौरे पर अभी तक अच्छी गेंदबाजी की है. वेलिंगटन टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने 6 विकेट लेकर विदेशी पिचों पर विकेटों की सेंचुरी भी जड़ डाली, लेकिन उन्हें एक बात की बहुत तकलीफ है.

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ईशांत शर्मा
ईशांत शर्मा

टीम इंडिया के तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ मौजूदा दौरे पर अभी तक अच्छी गेंदबाजी की है. वेलिंगटन टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने 6 विकेट लेकर विदेशी पिचों पर विकेटों की सेंचुरी भी जड़ डाली, लेकिन उन्हें एक बात की बहुत तकलीफ है.

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आसान दौरों के लिए चुना जाता हूं मैं...
जब उनसे पूछा गया कि क्या 70 के करीब वनडे और 55 टेस्ट खेलने से उन्हें एक बेहतर गेंदबाज बनने में मदद मिली है तो उन्होंने कहा, 'आप केवल अनुभव से ही सीखते हो. मैंने अपनी जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं. जब कोई अहम दौरा होता है, मुझे बाहर कर दिया जाता है. जब कोई आसान दौरा होता तो मैं टीम में होता हूं. यह मेरे लिये बहुत कठिन चीज है.'

जहीर रहे दुर्भाग्यशाली क्योंकि...
ईशांत ने कहा, 'मैं दक्षिण अफ्रीका के बाद से अच्छी गेंदबाजी कर रहा हूं. यह सिर्फ इतना है कि अब लोग मेरे प्रदर्शन पर ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि अब मैं ज्यादा विकेट चटका रहा हूं. मैंने कुछ भी अलग नहीं किया है. सिर्फ सही क्षेत्र में गेंदबाजी कर रहा हूं, बल्कि हम सभी ऐसा करते हैं. हम सभी अच्छी गेंदबाजी करते हैं. केवल मोहम्मद शमी और मुझे ही विकेट मिले. जहीर खान दुर्भाग्यशाली रहे कि उन्हें कोई विकेट नहीं मिला.'

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टॉस जीतना रहा अच्छा...
इस तेज गेंदबाज ने कहा, 'टॉस जीतना निश्चित रूप से अच्छा रहा. विकेट में स्पंज की तरह का उछाल था. हमने अनुशासित गेंदबाजी की. ऑकलैंड में पहली पारी में हम ताजा पिच देखकर थोड़ा ज्यादा रन देने लगे थे. लेकिन दूसरी पारी में हमने सीखा कि अगर हम अनुशासित गेंदबाजी करें तो हमें विकेट मिलेंगे. हमने इस मैच में भी ऐसा ही किया, हमने विकेट झटकने के बजाय सही क्षेत्र में गेंदबाजी की.'

मैं वहीं गेंदबाज हूं, जिसने...
ईशांत ने ऑकलैंड में भी पहली पारी में 134 रन देकर छह विकेट चटकाए थे, जिससे उन्होंने इस मैच में नौ विकेट झटके थे. लेकिन भारत 40 रन से मैच हार गया था. ईशांत ने कहा, 'मैं वही गेंदबाज हूं जिसने 2007-08 में रिकी पोंटिंग के खिलाफ गेंदबाजी की थी. वही गेंदबाज हूं जिसे 2011 में मैन ऑफ द सीरीज चुना गया था. मैं वही गेंदबाज हूं. यह पिच पिछले मैच की तरह ही थी. मैं अपनी गेंदबाजी का काफी आकलन नहीं करता हूं क्योंकि इस समय, मैच से पहले, यह सिर्फ मानसिक सोच के बारे में है.'

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