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बीसीबी ने साकिब अल हसन पर लगाया छह महीने का प्रतिबंध

बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने साकिब अल हसन पर अनुशासनहीनता के आरोप में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से छह महीने का प्रतिबंध लगा दिया है. बोर्ड ने साथ ही साकिब को 2015 तक किसी भी विदेशी प्रतियोगिता में खेलने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं देने का फैसला किया है क्योंकि उन्होंने कोच चंदिक हथुरूसिंघा के साथ भी गलत व्यवहार किया था.

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साकिब अल हसन
साकिब अल हसन

बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने साकिब अल हसन पर अनुशासनहीनता के आरोप में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से छह महीने का प्रतिबंध लगा दिया है. बोर्ड ने साथ ही साकिब को 2015 तक किसी भी विदेशी प्रतियोगिता में खेलने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं देने का फैसला किया है क्योंकि उन्होंने कोच चंदिक हथुरूसिंघा के साथ भी गलत व्यवहार किया था.

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साकिब बिना बोर्ड से मंजूरी लिए कैरेबियाई प्रीमियर लीग के लिए रवाना हो गए थे. पूर्व कप्तान ने हथुरूसिंघा को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की धमकी दी थी जब उन्होंने वेस्टइंडीज के आगामी दौरे के लिए इस ऑलराउंडर को एक अगस्त को बांग्लादेश के ट्रेनिंग शिविर में लौटने को कहा था. इस शिविर की तारीखें हालांकि साकिब के सीपीएल अभियान के साथ टकरा रही हैं जहां उन्हें 11 जुलाई से 16 अगस्त तक खेलना है.

बीसीबी अध्यक्ष नजमुल हसन ने संवाददाताओं से कहा, 'उसके रवैये को लेकर समस्या है जैसा बांग्लादेश क्रिकेट के इतिहास में देखने को नहीं मिला. हमें लगता है कि उसका व्यवहार ऐसा है जिसका टीम पर सीधा असर पड़ रहा है.'

हसन ने कहा, 'आज सुबह उसने मुझे फोन किया. उसने सोचा कि उसे एनओसी मिली हुई है. उसके पास यह नहीं थी. उसने स्वीकार किया कि उसने कोच के साथ गलत व्यवहार किया है. उसने दुर्व्यवहार के लिए माफी मांगी.'

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अंतरराष्ट्रीय कॅरियर के दौरान कई बार अनुशासनात्मक कारणों से परेशानी का सामना करने वाले साकिब इस साल भी कई बार अधिकारियों के साथ उलझे हैं. बांग्लादेश-श्रीलंका एकदिवसीय सीरीज के दौरान कैमरे के सामने आपत्तिजनक इशारा करने पर साकिब को तीन मैचों के प्रतिबंध का सामना करना पड़ा था और फिलहाल बीसीबी की अनुशासन समिति पिछले महीने भारत-बांग्लादेश सीरीज के दौरान दर्शक के साथ उनकी कथित झड़प की जांच कर रही है.

हसन ने कहा, 'मैं स्पष्ट संदेश देना चाहता हूं कि अगर इसे दोहराया गया तो उस पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जा सकता है. अनुशासन को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा.'

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