भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने बुधवार को एक कड़ा फैसला लेते हुए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की सदस्यता खत्म कर दी. बोर्ड ने विशेष आम बैठक में मोदी पर आजीवन प्रतिबंध लगाने का फैसला किया.
मोदी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए होने वाली इस बैठक पर रोक लगाने की अपील की थी लेकिन न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने ही मंगलवार को बीसीसीआई को मोदी से जुड़े मामलों पर चर्चा के लिए विशेष बैठक करने की अनुमति प्रदान की थी. मोदी की याचिका पर न्यायालय के फैसले के तुरंत बाद दोपहर दो बजे यह बैठक शुरू हुई और आनन-फानन में मोदी की सदस्यता भंग करने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया. बीसीसीआई के मुताबिक मोदी के खिलाफ अनुशासनहीनता और अनियमितता के आरोप साबित हुए हैं.
हरियाणा क्रिकेट संघ के सचिव अनिरुद्ध चौधरी ने मोदी को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, जिसका समर्थन उड़ीसा क्रिकेट संघ के प्रमुख रंजीब बिस्वाल ने भी किया. बोर्ड के इस फैसले के बाद मोदी अब बोर्ड में किसी प्रकार का पद ग्रहण नहीं कर सकेंगे.
बीसीसीआई सचिव संजय पटेल ने अपने बयान में कहा, 'मोदी को गम्भीर किस्म की अनुशासनहीनता और अनियमितता बरतने का दोषी पाया गया है, इस तरह बोर्ड ने मेमोरेंडम एंड रूल्स एंड रेग्यूलेशंस की धारा 32 के तहत मोदी की सदस्यता समाप्त कर दी है. वे एक क्रिकेट प्रशासक का सारा अधिकार खो चुके हैं. मोदी भविष्य में बोर्ड से जुड़ा कोई भी पद ग्रहण नहीं कर सकेंगे साथ ही वे बोर्ड की किसी भी समिति का सदस्य नहीं बन सकेंगे.'
मोदी 2008 से 2010 तक आईपीएल के कमिश्नर रहे और इस दौरान उन पर गलत तरीके से धन बनाने का आरोप लगा वह गिरफ्तारी से बचने के लिए लंदन में रह रहे हैं. उनकी देखरेख में आईपीएल विश्व का सबसे प्रभावशाली और सफल क्रिकेट लीग बनकर उभरा.