आईपीएल मैचों में फिक्सिंग की जांच करने के लिए बनाई गई जांच समिति विवादों के घेर में आ गई है. इस समिति को बने अभी दो दिन ही हुए हैं.
समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक बीसीसीआई द्वारा गठित जांच समिति पर उंगलियां उठ रही हैं. भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने वाली इस समिति के सदस्यों पर विरोधाभासी हित रखने का आरोप लग रहा है. बीसीसीआई के दो पूर्व महत्वपूर्ण सदस्यों शरद पवार और ललित मोदी ने संकेत दिया है कि सीबीआई डायरेक्टर रहे आर के रागवन और कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व जज जय नारायण पटेल के बोर्ड या उसके अधिकारियों से संबंध है.
पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री के बारे में कहा जा रहा है कि उनका बीसीसीआई से एक कमेंट्रेटर के तौर पर कॉन्ट्रैक्ट है. इससे उनके हित प्रभावित होते हैं.
शरद पवार ने अखबार से कहा कि किसी ने मुझे फोन करके बताया कि शिव लाल यादव और पटेल रिश्तेदार हैं. शायद साले-बहनोई या कुछ और. पवार ने कहा कि मैं उन्हें नहीं जानता हूं लेकिन अगर ऐसा कुछ है तो पटेल को स्पष्ट करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर यह सच है तो पटेल को समिति से बाहर हो जाना चाहिए. पवार ने रवि शास्त्री के बारे में भी कहा कि वे बोर्ड के पे रोल पर हैं.
उधर ललिल मोदी ने ट्विटर पर राघवन के बारे में संदेह जताया. मोदी ने कहा कि राघवन तमिलानाडु के एक क्रिकेट क्लब से जुड़े हुए हैं और यह क्लब तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन के तहत है जिसके अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ही हैं. इसके अलावा वह मुद्गल कमिटी के गवाह भी रहे हैं. इतना ही नहीं श्रीनिवासन ने जिस जांच समिति की बात की थी उसमें भी राघवन थे. उस प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. राघवन ने इस बात की पुष्टि की कि वह तमिलानाडु क्रिकेट से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह अदालत पर निर्भर करता है कि उन्हें सदस्य बने रहने के बारे में फैसला करे. तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन में 150 से लेकर 200 सदस्य हैं और मैं भी उनमें से एक हूं.
बीसीसीआई ने रविवार को अपनी बैठक में शास्त्री, पटेल और राघवन के नाम पारित किए थे. अब सुप्रीम कोर्ट इन नामों पर विचार करेगा.