भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी पर दो सदस्यीय कमिटी की जांच रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. कोर्ट के इस फैसले के बाद एन श्रीनिवासन की बीसीसीआई में वापसी बहुत मुश्किल है.
दरअसल, मामले की निष्पक्ष जांच के लिए श्रीनिवासन को बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से हटना पड़ा था क्योंकि उनके दामाद मयप्पन पर भी स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगे थे. हालांकि जांच रिपोर्ट में मयप्पन को क्लीन चिट दे दी गई और माना जा रहा था कि अब श्रीनिवासन की बीसीसीआई में वापसी हो सकती है. लेकिन अब जबकि हाईकोर्ट ने जांच रिपोर्ट को ही खारिज कर दिया है तो ऐसे में श्रीनिवासन की उम्मीदों को बड़ा झटका लगेगा.
इस रिपोर्ट में मयप्पन के अलावा राजस्थान रॉयल्स टीम सहित इसके मालिक राज कुंद्रा को क्लीन चिट मिली थी.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीसीसीआई द्वारा गठित दो सदस्यीय कमिटी को अवैध ठहराते हुए जांच रिपोर्ट को खारिज कर दिया. कोर्ट ने मामले की फिर से जांच कराने का निर्देश दिया है.
गौरतलब है कि कोर्ट का यह फैसला बिहार क्रिकेट एसोसियेशन के सचिव आदित्य वर्मा की याचिका पर आया है.
आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के खुलासे के बाद आरोपों में घिरी बीसीसीआई ने मामले की जांच करने के लिए दो सदस्यीय कमिटी का गठन किया था. इस कमिटी में पूर्व न्यायधीश टी जयराम चौटा और आर बालासुब्रहमण्यम शामिल थे. पैनल का गठन श्रीनिवासन के दामाद और चेन्नई सुपरकिंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरूनाथ मयप्पन, राजस्थान रायल्स और उसके सह मालिक राज कुंद्रा की भूमिका की जांच करने के लिये किया गया था.
रविवार को इस कमिटी ने अपनी रिपोर्ट बीसीसीआई कार्यकारिणी को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. जिसके अनुसार राज कुंद्रा, इंडिया सीमेंट और राजस्थान रायल्स के खिलाफ किसी तरह की गड़बड़ी करने के कोई सबूत नहीं मिले. इसके बाद, एन श्रीनिवासन का फिर से बीसीसीआई अध्यक्ष का कामकाज संभालना तय लग रहा था. लेकिन हाईकोर्ट इस फैसले के बाद श्रीनिवासन एंड कंपनी मुश्किलें बढ़ने की उम्मीद हैं.