scorecardresearch
 

क्या भारत में लौटेगी फॉर्मूला वन कार रेस? इस वजह से हुई थी बंद

साल 2011 में जब पहली बार बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर फॉर्मूला वन कार रेस का आयोजन किया गया. इसे भारतीय खेलों के लिए नई उपलब्धी के तौर पर देखा गया. दुनिया भर के टॉप ड्राइवरों ने अपने हुनर को दिखाया.

Advertisement
X
बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट
बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट

Advertisement

साल 2011 में जब पहली बार बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर फॉर्मूला वन कार रेस का आयोजन किया गया, तो  इसे भारतीय खेलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा गया. दुनियाभर के टॉप फॉर्मूला वन कार ड्राइवरों ने अपने हुनर को दिखाया. यह नजारा भारतीयों के लिए बेहद की उत्साहित और रोमांचित करने वाला रहा था.

चार सालों से नहीं हुई फॉर्मूला वन रेस

2011 से लेकर 2013 तक रेस का सफल आयोजन बेहद सफलतापूर्वक  हुआ. लेकिन पिछले चार सालों से देश में फॉर्मूला वन की रेस का आयोजन नहीं हुआ. जिसके चलते करोड़ों की लागत से बने बुद्ध इंटरनेशन सर्किट की स्थिति दिन पर दिन खराब होती जा रही है. आयोजकों ने  एक बार फिर से फॉर्मूला वन रेस को भारत में कराने की कवायद शुरू कर दी है. एफवन प्रशासन ने भारत सरकार से अपील की है कि भारत में फिर से रेस की वापसी होनी चाहिए. जेपी बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट से एफ वन के बीच पांच साल का करार हुआ था. जिससें पांच रेस होनी थी. लेकिन अभी तक सिर्फ तीन ही रेस हुई हैं.

Advertisement

क्यों बंद हो गई फॉर्मूला वन रेस?

पूर्व खेल मंत्री एमएस गिल ने फॉर्मूला वन रेस को खेल के बजाए मनोरंजन की श्रेणी में रखा दिया था. जिसके चलते इसे बेहद खर्चीला करार दिया गया और आयोजन पर भारी भरकम टैक्स लगाए गए. आयोजकों का मनना है कि मोदी सरकार खेलों को खूब बढ़ावा दे रही है. ऐसे में फिर से बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर रफ्तार का रोमांच दिख सकता है.

सेबेस्टियन वेटल बने थे चैंपियन

जब पहली बार इस रेस का आयोजन भारत में हुआ तो फैंस ने इसका खूब लुफ्त उठाया. 2011 से लेकर 2013 तक इस रेस को रेडबुल के ड्राइवर सेबेस्टियन वेटल ने जीता. 3 सीजन की रेस के जरिए 11 अरब रुपयों की कमाई हुई थी और करीब 10 हजार लोगों को  रोजगार मिला था. आयोजकों के साथ-साथ फैंस भी यह उम्मीद कर रहे हैं एक बार फिर से देश में रफ्तार को रोमांच दिखे.

 

Advertisement
Advertisement