पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने टीम इंडिया की फिल्डिंग से नाराज हैं. उनका कहना है कि यदि कैच टपकाए जाते रहे तो फिर गेंदबाज 20 विकेट नहीं ले सकते. साउथैंप्टन टेस्ट भारत 266 रनों से हार गया था. इस मैच में टीम इंडिया के कई बार इंग्लैंड के बल्लेबाजों को जीवनदान दिया था.
खराब फॉर्म में चल रहे एलिस्टेयर कुक और इयान बेल ने आखिरकार रन बनाए जबकि अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे जोस बटलर और गैरी बैलेन्स सभी को जीवनदान मिले जिसका उन्होंने पूरा फायदा उठाया. सबसे महत्वपूर्ण अवसर वह था जब कुक को 15 रन के निजी योग पर रवींद्र जडेजा ने जीवनदान दिया. तब गेंदबाज पंकज सिंह था जो अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे थे. पंकज इसके बाद मैच में विकेट नहीं ले पाए.
कपिल ने पंकज के बारे में कहा, ‘भाग्य उसके साथ नहीं था. वह पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजी कर रहा था. इस तरह के सपाट विकेट पर उसने अच्छी गेंदबाजी की. उसकी गेंद बल्ले का किनारा लेकर गई लेकिन आपने उसे टपका दिया. इसके बाद वह पूरे मैच में विकेट नहीं ले पाया. उसने टेस्ट में अच्छी गेंदबाजी की लेकिन भाग्य ने उसका साथ नहीं दिया.’
स्लिप कॉर्डन में कैच टपकाना भारतीय टीम की आदत बन गई है. इस बारे में कपिल ने कहा, ‘यहां पर क्षेत्ररक्षण करना आसान नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘इसके लिए अभ्यास करना होता है क्योंकि यदि आप कैच छोड़ते रहोगे तो फिर 20 विकेट नहीं ले सकते हो. इससे गेंदबाजों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं. लॉर्ड्स में हम इस विभाग में अच्छे थे लेकिन तीसरे टेस्ट में हमने कुछ कैच टपकाए. इस तरह की पिचों में गेंदबाजों के लिये कुछ खास नहीं था इसलिए आप इन मौकों को नहीं गंवा सकते.’
कपिल ने कहा, ‘यह नॉटिंघम जैसा ही विकेट था और वहां तथा यहां की गेंदबाजी में अंतर देखो. कुल मिलाकर गेंदबाज बेहतर कर सकते थे. हमने कई ढीली गेंदें की और इंग्लैंड ने उनका अच्छा इस्तेमाल किया. जब कोई टीम 600 का स्कोर बनाती है तो इससे पता चलता है कि आपकी गेंदबाजी में अनुशासन की कमी है.’