केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष ए.सी. मुथैया और उनकी फर्स्ट लीजिंग कंपनी ऑफ इंडिया के तीन निदेशकों के खिलाफ 274 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने के बाद उनके आवास की तलाशी ली.
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुथया, फर्स्ट लीजिंग कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के तत्कालीन चेयरमैन, कंपनी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक फारख ईरानी, तत्कालीन उपाध्यक्ष एस. दिलीराज, उस समय सीएफओ रहे एल शिवरामकृष्णन और दो चेन्नई स्थित चार्टर्ड एकाउंटेंट फर्म सारथी एंड बालू और ए.के. दांडेकर एण्ड कंपनी के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और जालसाजी से जुड़ी आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
274 करोड़ रुपये का नुकसान होने का आरोप
जो आरोप लगाए गए हैं वह 2005 से 2013 के बीच कीमती प्रतिभूतियों की जालसाजी, धोखाधड़ी करना, नकली दस्तावेजों को असली की तरफ इस्तेमाल करना और खातों की जालसाजी का मामला शामिल है. सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि आईडीबीआई बैंक की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है, जिसमें जालसाजी और धोखेबाजी के जरिए बैंक को 274 करोड़ रुपये का नुकसान होने का आरोप लगाया गया है.
मुथैया से उनकी प्रतिक्रिया पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैं केवल नाम के लिए कंपनी का चेयरमैन था. मेरे पास कंपनी के केवल छह से सात प्रतिशत शेयर ही थे.’ उन्होंने कहा, ‘मैं किसी भी चीज में शामिल नहीं हूं, मैं नाम के लिए ही फर्स्ट लीजिंग कंपनी ऑफ इंडिया का चेयरमैन था और अपने मित्र फारख ईरानी की मदद कर रहा था.’
- इनपुट भाषा